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अंबेडकर नगर: (आशा भारती नेटवर्क) जनपद के अकबरपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत सैदापुर में ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा है। पंचायत सचिव अधिकांश समय नदारद रहता है और पंचायत भवन पर ताला लटका रहता है। कुछ लोगों द्वारा यह भी कहा गया कि अभी ग्राम विकास अधिकारी को हमने देखा ही नहीं है कि हमारे गांव में कौन से ग्राम विकास अधिकारी नियुक्त हुए हैं। ऐसे में ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से मांग की है कि पंचायत सचिव को गांव में रहने के आदेश दिए जाए।ग्रामीणों ने बताया कि पात्रता पर्ची, राशन कार्ड, संबल योजना, वोटर कार्ड, आयुष्मान कार्ड जैसी कई योजनाओं के संबंध में पंचायत सचिव की आवश्यकता पड़ती है। सचिव महीने में एक या दो बार आता है और कब आकर कहां निकल जाता है। इसकी जानकारी किसी को भी नहीं लग पाती। ऐसे में किसी भी शासकीय योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा। वे अपने कार्य को करवाने के लिए इधर-उधर भटकते रहते है।ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत सचिव प्रज्ञा प्रभा अकबरपुर में निवास करता है। कभी-कभी गांव में आते है। वैसे तो पंचायत में रोजगार सहायक भी है, लेकिन सचिव के बिना कोई काम नहीं होता। हर दस्तावेज में सचिव के हस्ताक्षर होते हैं, लेकिन सचिव न होने से पंचायत भगवान भरोसे चल रही है। लोगों का कहना है कि अगर पंचायत भवन रोज नहीं खुल पा रहा तो सात दिन में एक दिन भी नियमित रूप से खुले तो ग्रामीणों को राहत मिलेगी। मीडिया की पड़ताल में पंचायत भवन पर रोस्टर भी लिखा नहीं पाया गया जब मीडिया कर्मियों को यह जानकारी लेनी पड़ी कि लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी के बारे में प्रधान से पूछा जाए तो आम जनता कितना परेशान होती होगी आ जाना जा सकता है। मिली जानकारी के अनुसार प्रशासनिक खर्च तो खारिज कर लिया जाता है परंतु पंचायत भवन पर ना तो प्रिंटर का इंक और ना ही प्रिंटर का पेपर उपलब्ध है तो किस प्रकार से ग्रामीणों को सुविधाएं मिलती हैं यह स्पष्ट रूप से जाना जा सकता है। पंचायत सहायक उमा भारती द्वारा यह भी बताया कि विभाग द्वारा अभी तक वेतन भी खारिज नहीं किया गया।
लोगों द्वारा दबी जुबान से कहीं जा रही है प्रधान और ग्राम सचिव मिलकर सरकारी धन डकार रहे हैं।