इस न्यूज को सुनें
|
जयप्रकाश गुप्ता ब्यूरो चीफ
अयोध्या। (आशा भारती नेटवर्क) शिक्षा क्षेत्र तारुन में संचालित एक महाविद्यालय का कुछ हिस्सा ग्राम पंचायत की श्मशान भूमि पर निर्माण होने का मामला प्रकाश में आया है।
गोसाईगंज विधायक द्वारा विधानसभा में मामला उठाने पर आनन-फानन में बुधवार को तहसील प्रशासन एवं चकबंदी अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा पैमाइश कर रिपोर्ट जिला अधिकारी को प्रेषित की गई है।
मामला शिक्षा क्षेत्र तारुन बाजार स्थित परशुराम स्मारक महिला महाविद्यालय का है। इस कॉलेज का कुछ भाग श्मशान की भूमि पर बने होने की चर्चा कुछ महीनों से जोरों पर चल रही थी।
इसी के बाबत मंगलवार को क्षेत्रीय विधायक अभय सिंह ने विधानसभा सत्र में प्रश्न कर मामले को तूल पकड़ा दिया। सचिवालय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 48 घंटे के भीतर जिलाधिकारी अयोध्या से श्मशान की भूमि की पैमाइश कर पूरे प्रकरण से संबंधित रिपोर्ट तलब की है।
बुधवार की सुबह 10:00 बजे तहसील प्रशासन बीकापुर नायब तहसीलदार रामखेलावन, राजस्व निरीक्षक अखिलेश चंद्र पांडेय, लेखपाल शिवकुमार, मुन्नालाल, सुनील सिंह व चकबंदी कानूनगो की संयुक्त टीम ने महाविद्यालय के चारों तरफ भूमि की पैमाइश की।
इस दौरान ग्राम प्रधान हरीराम निषाद सहित अन्य ग्रामवासी मौजूद रहे। नायब तहसीलदार रामखेलावन ने बताया कि गाटा संख्या 18 रकबा 727 एअर अभिलेखों में श्मशान भूमि के नाम दर्ज है। कॉलेज की बिल्डिंग का कुछ अंश आरक्षित भूमि में आ रहा है। संयुक्त रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी।
◾इससे पहले भी उठ चुका है कॉलेज का मामला
दो माह पूर्व जनकदुलारी चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंधक अवधेश वर्मा ने परशुराम स्मारक महिला महाविद्यालय को श्मशान की भूमि पर निर्माण होने को लेकर जिला अधिकारी से लेकर शासन तक शिकायत कर जांच करने की मांग की थी। लेकिन तब मामला ठंडा बस्ते में चला गया था।
इन्होंने बताया विद्यालय का प्रबंधक प्राथमिक विद्यालय नारायणपुर में प्रधानाध्यापक है। लेकिन विवादों से हमेशा इसका नाता रहा है। पूर्व में एक शिक्षक राजेश दुबे की पिटाई सहित कुछ अन्य मामलों में इसके ऊपर रिपोर्ट भी दर्ज है।