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चैंपियंस ट्रॉफी 2025: टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को हराकर चैंपियन्स ट्रॉफी का खिताब जीत लिया है। भारत तीसरी बार चैंपियन्स ट्राफी का विजेता बना है। एक बार वह श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता घोषित किया गया था।
इस जीत के साथ टीम इंडिया ने कई इतिहास बनाए हैं। टीम इंडिया ने जीत के साथ ही चैंपियन्स ट्राफी तो जीती ही है व्हाइट कोट भी हासिल कर लिया है। ऐतिहासिक चैंपियन्स ट्राफी में केवल खिताब हासिल करने के लिए मुकाबला नहीं होता है बल्कि इस जीत के साथ सम्मान के लिए पूरी टीम को व्हाइट कोट मिलता है जिसे वह पहनकर खिताब लेते हैं।
टीम इंडिया को क्यों मिली व्हाइट जैकेट? कब से है व्हाइट कोट परंपरा?
फाइनल में जीत के बाद भारतीय टीम जब ट्रॉफी लेने मैदान पर उतरी तो उन्हें स्पेशल व्हाइट जैकेट (White Jacket) पहनाई गई। यह परंपरा 2009 चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2009) से चली आ रही है, जब ICC ने विजेताओं को यह विशेष सम्मान देना शुरू किया था।
व्हाइट जैकेट का इतिहास और इसका महत्व
ICC (International Cricket Council) के मुताबिक, यह जैकेट सिर्फ विजेता टीम को ही दी जाती है और यह चैंपियन बनने का प्रतीक मानी जाती है। ICC ने अपने बयान में कहा: व्हाइट जैकेट एक सम्मान की निशानी है, जिसे केवल चैंपियन पहनते हैं। यह रणनीतिक कौशल और जीत के लिए संघर्ष की पहचान है। पाकिस्तान और UAE में आयोजित इस टूर्नामेंट के दौरान व्हाइट जैकेट को इस बार दिग्गज क्रिकेटर वसीम अकरम (Wasim Akram) ने लॉन्च किया था। उन्होंने कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम के बीच हुई कड़ी टक्कर का गवाह बनेगी। इस ट्रॉफी को जीतने वाली टीम को सबसे मजबूत माना जाता है और इसलिए व्हाइट जैकेट विजेता के गौरव को दर्शाने के लिए दी जाती है।
इटालियन ऊन से बनी है जैकेट, जानें किसने की है डिजाइन?
इस जैकेट को मुंबई की डिजाइनर बबीता एम (Babita M) ने डिजाइन किया था। यह इटालियन वूल (Italian Wool) से बनी है और इसमें गोल्डन बॉर्डर दिया गया है। जैकेट पर एक स्पेशल एम्ब्रॉयडर्ड गोल्डन लोगो भी लगाया गया है, जो इसे खास बनाता है।