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- अंबेडकर नगर पुलिस ने 3 शातिरों को किया गिरफ्तार
- सोशल मीडिया के जरिए फैलाते थे जाल, फर्जी वीजा और टिकट बनवाकर ठगते थे लाखों
राजेश प्रताप सिंह क्राइम रिपोर्टर
अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) जनपद में विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में थाना राजेसुल्तानपुर, थाना जहांगीरगंज, स्वाट और सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में यह सफलता मिली है। गिरोह अब तक दर्जनों लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर चुका है।
किराए के कमरे से चला रहे थे फर्जी ब्रांच
जांच में सामने आया कि अजय साहनी नामक युवक ने राजेसुल्तानपुर क्षेत्र के पदुमपुर चौराहे पर एक मकान को किराए पर लेकर वहां “अरेबियन इंटरप्राइजेज” के नाम से फर्जी ब्रांच खोल रखी थी। मकान को मूल रूप से हरि प्रसाद द्विवेदी ने विनोद जायसवाल को किराए पर दिया था, और उसी परिसर में अजय साहनी को उपकिरायेदार के रूप में एक कमरा 6,500 रुपये माह पर दिया गया था।
यहीं से अजय साहनी व उसके साथी लोगों को विदेश भेजने का झांसा देकर नकली वीजा, फर्जी फ्लाइट टिकट और दस्तावेज बनाकर लाखों रुपये वसूलते थे।
इस तरह हुआ खुलासा 03 सितंबर को कई पीड़ितों द्वारा अलग-अलग थानों में तहरीर दी गई थी, जिसमें आरोप था कि उन्हें विदेश भेजने के नाम पर ऑनलाइन व नगद पैसे लेकर फर्जी दस्तावेज थमा दिए गए। पुलिस ने जब मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो बैंक खातों और सिम कार्ड के माध्यम से पूरा नेटवर्क उजागर हुआ।
तीन गिरफ्तार, मोबाइल व पासबुक बरामद
गिरफ्तार किए गए अभियुक्त सत्यंजय गौड़ निवासी प्रयागराज व शुभम प्रसाद शाह निवासी दुर्ग, छत्तीसगढ़ व विष्णु प्रसाद शाह निवासी दुर्ग, छत्तीसगढ़ इनके कब्जे से मोबाइल फोन, पासबुक और कई फर्जी पासपोर्ट बरामद किए गए हैं। सत्यंजय गौड़ के पास से एक विवो मोबाइल और पीएनबी की पासबुक, विष्णु प्रसाद शाह के पास से वन प्लस मोबाइल, जबकि शुभम प्रसाद शाह से पोको मोबाइल बरामद किया गया है।
देशभर में फैला था इनका नेटवर्क
पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह सोशल मीडिया, वेबसाइट और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोगों को फंसाते थे। वे विभिन्न राज्यों में जाकर बैंक खाते खुलवाते और लोगों से पासबुक, एटीएम और सिम कार्ड लेकर अपने नियंत्रण में ले लेते थे।
खातों के जरिए लेन-देन को अंजाम दिया जाता था और पैसे निकालने के बाद फर्जी दस्तावेजों से लोगों को गुमराह कर दिया जाता था।
बैंक और डिजिटल ट्रेल खंगाल रही पुलिस
पुलिस ने जिन खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ है, उन सभी का बैंक विवरण और लेन-देन का रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। साथ ही संबंधित मोबाइल नंबरों के रजिस्ट्रेशन की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा जिन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल किया गया, उनके माध्यम से गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
कई नाम अब भी अज्ञात, तलाश जारी
पुलिस के अनुसार इस गिरोह में कई अन्य लोग भी शामिल हैं, जिनके नाम और पते अभी स्पष्ट नहीं हैं। इनकी पहचान के लिए तकनीकी साक्ष्य और कॉल डिटेल्स खंगाले जा रहे हैं।
गिरफ्तारी के बाद इन तीनों अभियुक्तों से पूछताछ जारी है और फर्जी रैकेट के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।