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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 20.07.2024 को जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में मानसिक स्वास्थय विषय पर भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं कारागार निरीक्षण किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर एवं निरीक्षण में जिला करागार अम्बेडकरनगर से शशिकांत मिश्र, जेल अधीक्षक, गिरिजा शंकर यादव, कारापाल, छोटेलाल सरोज, उपकारापाल, सूर्यभान सरोज, उपकारापाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी, पराविधिक स्वंय सेवक, कारागार के कर्मचारीगण एवं बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि मानसिक विकार विश्व में रूग्ण स्वास्थय और विकलांगता उत्पन्न करने वाला प्रमुख कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 450 मिलियन लोग विश्व स्तर पर मानसिक विकार से पीड़ित हैं, 7.5 प्रतिशत भारतीय किसी न किसी रूप में मानसिक विकार से ग्रस्त हैं साथ ही विश्व स्वास्थय संगठनके अनुमान के अनुसार आने वाले वर्षों में यह संख्या अधिक बढ़ सकती है। किशोरों और वयस्कों के बीच मानसिक परेशानी की रोकथाम और प्रबन्धन की शुरूआत जागरूकता बढ़ाकर और मानसिक रोग के प्रारम्भिक चेतावनी संकेतो और लक्षणों को समझकर कम उम्र से की जानी चाहिये। मनोवैज्ञानिक सहयोग स्कूलों और अन्य सामुदायिक स्तरों पर प्रशिक्षित स्वास्थय कर्मियों द्वारा प्रदान किया जा सकता है किशोरावस्था स्वास्थ्य को प्रोत्साहित और संरक्षित करने से न केवल किशोर स्वास्थ्य के बल्कि समाज और देश को भी लाभ होता है क्योंकि इससे स्वस्थ युवा जनबल परिवार और समुदाय तथा समाज में अधिक योगदान को सक्षम बनाता है। भारत सरकार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के अन्तर्गत सबके लिये न्यूनतम मानसिक स्वास्थय देखभाल की उपलब्धता और पहुंचनीयता सुनिश्चित करने के लिये वर्ष 1982 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरूआत की गई इस कोविड 19 महामारी के दौरान अचानक जीवन ठहर सा गया और वायरस के डर ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया और इस दौरान बने चिंता, डर, अकेलेपन, और अनिश्चितता के माहौल ने लोगों पर बुरा प्रभाव डाला। हमें इस खराब दौर से निकलने के लिये खुद को मानसिक रूप से मजबूत करना जरूरी है, धैर्य रखना है एवं यह विश्वास होना बहुत आवश्यक है कि सब बेहतर होता चला जायेगा।
शिविर के उपरान्त अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा जिला कारागार का निरीक्षण किया गया। कारागार के निरीक्षण के दौरान सचिव महोदय द्वारा बन्दियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के विषय में बात की एवं बन्दियों को लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गई एवं जेल अधीक्षक जिला कारागार, अम्बेडकरनगर को निर्देशित किया गया कि बन्दियों को उनकी रिहाई के अधिकारों के प्रति जागरूक करें व किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर उचित उपचार दिलाना सुनिश्चित करें, बन्दियों के खान-पान का विशेष ध्यान रखें, महिला बन्दियों के साथ रह रहे बच्चों का ध्यान रखें, जिला कारागार परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें एवं किसी भी प्रकार की विधिक सहायता प्राप्त करने हेतु जिला कारागार अम्बेडकरनगर में स्थापित जेल लीगल एड क्लीनिक में नियुक्त जेल पराविधिक स्वयं सेवक एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर से सम्पर्क स्थापित कर सहायता प्राप्त की जा सकती है।