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सरकार के फैसले से प्रदेश में लाखों फोटो स्टेट संचालक हुए बेरोजगार
गिरजा शंकर गुप्ता
अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) केंद्र और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार डिजिटल भारत का सपना संजोए हुए हैं आधुनिक भारत अथवा डिजिटल भारत बना रही हैं। वर्ष 2025 लगते ही बहुत सारे कानून कायदे और ऑफिस के कार्यों में कुछ बदलाव हुआ हैं।
उल्लेखनीय हैंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में पूरे प्रदेश के सभी विभागों, ज़िलों, मंडलों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने के आदेश दिये थे। इसके तहत चरणबद्ध तरीके से यह काम शुरू हुआ। इसी क्रम में सरकार के फरमान का अनुपालन करते हुए प्रदेश में स्थित सभी उपनिबंधक कार्यालयों में 1 जनवरी से बैनामा,एग्रीमेंट इत्यादि में फोटो कॉपी नहीं कराए जाने का आदेश दिया गया हैं।
उप निबंधक कार्यालय अकबरपुर में सब रजिस्ट्रार अभिषेक सिंह ने सरकार के आदेश का पालन कराते हुये ईऑफिस प्रणाली के तहत एक जनवरी वर्ष 2025 से बैनामा, एग्रीमेंट इत्यादि की रजिस्ट्री का पंजीयन करने के लिए फोटो कॉपी कराई जाती थी जिसकी एक प्रति प्रमाणित कॉपी ऑफिस में मूल प्रति के रूप में रखी जाती थी और दूसरी प्रति तहसील में दाखिल खारिज करने के लिए भेजा जाता था जो अब 1 जनवरी से बैनामा अथवा एग्रीमेंट का पंजीयन कराते वक्त फोटोकॉपी नहीं कराएं जाने से सरकार के अचानक आयें इस फैसले से प्रदेश में लाखों लोग बेरोजगारों हो गये फोटो स्टेट की दुकान चलाने वाले भुखमरी के कगार पर आ गये। फोटो स्टेट संचालक फोटो स्टेट से अपने परिवार का भरण पोषण तथा जीविकोपार्जन करते थे। फोटो स्टेट संचालकों का कहना है कि योगी मोदी की सरकार लोगों से रोजगार छीन रही है धीरे-धीरे लोग भुखमरी के कगार पर आते चले जा रहे हैं सरकार बड़े-बड़े दावे करती हैं परंतु धरातल पर कुछ और ही हैं।
फोटो स्टेट संचालकों में सरकार के आदेश से ई आफिस व्यवस्था लागू होने से काफी आक्रोश है।
कौशल विकास मिशन, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना इत्यादि के अंतर्गत युवाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण देकर प्रेरित कर रही हैं और एक तरफ सरकार लोगों से रोजगार छीन रही है। शिक्षित युवा बेरोजगारों को योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में रोजगार उपलब्ध कराने में नाकाम रही हैं। फोटो स्टेट संचालकों का कहना है कि डिजटलीकरण करनें से हम सब का व्यवसाय समाप्त हो गया।
सरकार यह दावा करती हैं कि ई-ऑफिस यह एक सरलीकृत, उत्तरदायी, प्रभावी, जवाबदेह और पारदर्शी कार्यप्रणाली प्राप्त करने का एक माध्यम है।
ई-ऑफिस की गति और दक्षता विभागों को सूचित और त्वरित निर्णय लेने में सहायता करती है। इससे सिस्टम के ज़रिये जहाँ सरकारी काम में वक्त की बचत होगी, वहीं सरकारी काम में पारदर्शिता आएगी।