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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) मुख्य चिकित्साधिकारी के सभागार में बृहस्पतिवार को सर्पदंश न्यूनीकरण कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें जनपद अंबेडकर नगर के 25 चिकित्साधिकारियों ने प्रतिभाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य सर्पदंश के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चिकित्सकों को वैज्ञानिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
राहत आयुक्त भानू चंद्र गोस्वामी जी ने सर्पदंश के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए चिकित्सकों को इस संबंध में गहन प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया, राज्य स्तर पर प्रबंधक कार्मिक शांतनु द्विवेदी जी ने समन्वय का दायित्व संभाला जबकि सर्पदंश कंसल्टेंट काव्या शर्मा द्वारा प्रशिक्षण की तकनीकी रूपरेखा तैयार की गयी।

जिलाधिकारी महोदय के निर्देश पर डॉ राहुल वर्मा ने सर्पदंश के क्लिनिकल प्रबंधन पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वे सर्पदश के मामलों में त्वरित निर्णय लें और इलाज की दिशा में शीघ्र कदम उठाएं। डॉ वेद प्रकाश और डा० विजय बहादुर ने विषैले और गैर विषैले सर्पदंश की पहचान के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने स्पष्ट किया कि हर सर्पदश जानलेवा नहीं होता, लेकिन पहचान में लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है। चिकित्सकों को रक्तस्राव, मांसपेशियों में कमजोरी और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षणों की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया गया।
डॉ. मनोज कुमार सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदश के प्रबंधन में चिकित्सकों की भूमिका पर जोर दिया उन्होंने कहा कि चिकित्सक न केवल इलाज करते हैं, बल्कि समुदाय में सर्पदंश से बचाव और प्राथमिक उपचार के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य भी करते हैं।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ सदानंद गुप्ता अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा० सालिकराम जी ने किया, जबकि संचालन का कार्य जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अंबेडकर नगर के आपदा विशेषज्ञ श्री सूर्यभान जी ने किया। इस अवसर पर श्री सौरभ पांडे एवं अन्य चिकित्साधिकारी भी उपस्थित रहे।





