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गिरजा शंकर विद्यार्थी
अंबेडकर नगर। निदेशक संस्कृति निदेशालय उत्तर प्रदेश जवाहर भवन लखनऊ तथा विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन संस्कृति अनुभाग द्वारा जारी शासनादेश के क्रम में’उoप्रo गौरव सम्मान का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के ऐसे ख्यातिलब्ध महानुभावों, जिन्होंने विभिन्न विधाओं एवं कार्य क्षेत्रों यथा- कला व संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आदि में अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उत्कृष्टता के आयाम स्थापित करते हुए राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरव हासिल किया है, को उ०प्र० गौरव सम्मान से अलंकृत करना है।
उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रदान किया जाएगा
(क) शास्त्रीय संगीत / लोक संगीत (गायन, वादन, नृत्य) / ललित कलायें / नाट्य विधायें / फिल्म व मीडिया।
(ख)समाजसेवा, समाज कल्याण युवा कल्याण, महिला कल्याण एवं दिव्यांग कल्याण ।
(ग)कृषि, उद्यान, दुग्ध विकास, गोसेवा, पशुपालन, वन एवं वन्यजीव तथा पर्यावरणसंरक्षण आदि।
(घ) उद्यमिता, कौशल विकास, रोजगार सृजन, स्वावलंबन
(ड.) अन्य क्षेत्रों (यथा शिक्षा, साहित्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी खेल इत्यादि के क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान करने वाले महानुभाव) जिन्हें स्क्रीनिंग समिति सुपात्र समझे।
इस सम्मान हेतु अर्हताएं निम्नवत है-
(क) उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।
(ख)विभिन्न विधाओं / कार्य क्षेत्रों के ऐसे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त महानुभाव, जिन्होंने अपनी प्रतिभा दीर्घ साधना के आधार पर श्रेष्ठ उपलब्धि प्राप्त की हो।
(ग) जिन्होने देश एवं विदेश में उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया हो।
(घ) राज्य सरकार अथवा भारत सरकार से पूर्व में किसी अन्य राष्ट्रीय / राज्य पुरस्कार अथवा सम्मान प्राप्त महानुभाव को सामान्यतया इस पुरस्कार की पात्रता परिधि में नहीं रखा जा जायेगा।
‘उ०प्र० गौरव सम्मान’ के अन्तर्गत चयनित / पुरस्कृत कलाकार / महानुभावों को रू0 11.00 लाख (रू० ग्यारह लाख मात्र) नगद धनराशि, अंगवस्त्र एवं ताम्रवस्त्र / मोमेन्टो भेंट स्वरूप प्रदान किया जायेगा। महानुभाव के नामांकन निर्धारित प्रारूप पर ऑनलाइन/ ऑफलाइन दिनांक 10/11/2023 तक जमा किया जा सकता है।अन्य जानकारी के लिए जिला सूचना अधिकारी कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में संपर्क किया जा सकता है।