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उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान के बन्नू में मंगलवार को मुख्य छावनी की चाहरदीवारी में विस्फोटकों से लदे दो वाहन घुस गए और आत्मघाती हमले को अंजाम दिया जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई तथा 30 घायल हो गए।
सेना के जवानों ने कम से कम छह आतंकवादियों को ढेर कर दिया. पुलिस ने बताया कि पेशावर से लगभग 200 किलोमीटर दूर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शाम को आत्मघाती हमलावरों ने दक्षिण-पश्चिम में बन्नू छावनी की चाहरदीवारी को टक्कर मार दी।
हाफिज गुल बहादुर से जुड़े जैश अल फुरसान संगठन ने एक बयान में बन्नू में हमले की जिम्मेदारी ली. यह समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कई गुटों में से एक है. बन्नू में डीएचक्यू होडपिटल के प्रवक्ता डॉ नुमान ने कहा कि बन्नू छावनी आत्मघाती विस्फोट में 12 नागरिक मारे गए और 30 घायल हो गए और कहा कि मृतकों में चार बच्चे और दो महिलाएं भी शामिल हैं।
मस्जिद के मलबे में दर्जनों लोग दबे
सूत्रों ने अस्पताल अधिकारियों के हवाले से बताया कि आत्मघाती हमलावरों की चपेट में आने से आसपास की नागरिक इमारतों और बन्नू छावनी की चारदीवारी से सटी एक मस्जिद के मलबे में एक दर्जन लोगों के हताहत होने की खबर है. बता दें कि विस्फोटों के बाद, छावनी की दीवार टूट गई और कई आतंकवादियों ने छावनी में प्रवेश करने का प्रयास किया, हालांकि, उनमें से कम से कम छह को मार गिराया गया, जबकि शेष को घेर लिया गया है, सुरक्षा सूत्रों ने पुष्टि की. सूत्रों ने यह भी कहा कि सैन्य अधिकारियों ने छावनी की ओर जाने वाले मुख्य मार्गों को सील कर दिया है और विस्फोट स्थल तक पहुंच प्रदान नहीं की है।
आतंकियों के खिलाफ चल रहा अभियान
सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, जब तक सभी आतंकवादियों का सफाया नहीं हो जाता, तब तक अभियान जारी रहेगा. इस बीच, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने बन्नू विस्फोट की निंदा की और घटना पर रिपोर्ट मांगी. उन्होंने मानव जीवन की हानि पर दुख व्यक्त करते हुए शहीदों के परिवारों के प्रति हार्दिक सहानुभूति और संवेदना व्यक्त की. गंडापुर ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान ऐसी घटनाएं बेहद निंदनीय और दुखद हैं।
2025 में तेज हुए आतंकवादी हमले
थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (पीआईसीएसएस) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2025 में देश में आतंकवादी हमलों में तेज वृद्धि देखी गई, जो पिछले महीने की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक है. आंकड़ों से पता चला कि देश भर में कम से कम 74 आतंकवादी हमले दर्ज किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 91 मौतें हुईं, जिनमें 35 सुरक्षाकर्मी, 20 नागरिक और 36 आतंकवादी शामिल थे. अन्य 117 लोग घायल हुए, जिनमें 53 सुरक्षा बल के जवान, 54 नागरिक और 10 आतंकवादी शामिल थे।
आतंकवादियों ने 27 हमले किए
खैबर पख्तूनख्वा (केपी) सबसे अधिक प्रभावित प्रांत रहा, उसके बाद बलूचिस्तान है. केपी के बसे जिलों में, आतंकवादियों ने 27 हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप 19 लोग मारे गए, जिनमें 11 सुरक्षाकर्मी, छह नागरिक और दो आतंकवादी शामिल थे. आंकड़ों से पता चलता है कि केपी (तत्कालीन फाटा) के आदिवासी जिलों में 19 हमले हुए, जिनमें 46 मौतें हुईं, जिनमें 13 सुरक्षाकर्मी, आठ नागरिक और 25 आतंकवादी शामिल थे।