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मत्स्य विभागीय संबंधी योजनाओं की एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजित
(गिरजा शंकर विद्यार्थी)
अंबेडकर नगर: जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में मत्स्य विभागीय योजनाओं के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम/ कार्यशाला का आयोजन किया गया।
बैठक के दौरान सहायक निदेशक मत्स्य द्वारा प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना, सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना, निषादराज बोट सब्सिडी योजना, मत्स्य पालक कल्याण कोष, किसान क्रेडिट कार्ड तथा मत्स्य पालन से संबंधित अन्य योजनाओं के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। बैठक के दौरान जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि शासन की मंशा अनुरुप ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, किसानों की आय में वृद्धि एवं स्व -रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्राम सभा एवं अन्य पट्टे के तालाबों में निवेश एवं मत्स्य बीज बैंक की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा दो परियोजनाएं संचालित हैं। योजनाओं में सभी वर्ग को 40% अनुदान अनुमन्य है।
पी०एम०एम०एस०वाई० योजनान्तर्गत रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम की स्थापना के अन्तर्गत किये गये कार्य रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम की स्थापना के अन्तर्गत 25×25 फुट के 08 टैंक शेड सहित क्योफिल्टर, बोरिंग जनरेटर आक्सीजन के लिए ब्लोवर, स्टोर, लैब आदि निर्माण कार्य कराये गये।
रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम की स्थापना के उपरान्त समय-समय पर इन्हें मत्स्य विभाग द्वारा Technical guidance भी मिलता रहा। इनके द्वारा पूरी मेहनत एवं लगन के साथ तय सीमा के अन्दर ही रिसकुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम का पूरा निर्माण कार्य करा कर संचालित भी किया गया। इनकी पहली Production Cycle वर्ष 2021-22 में शुरू हुई जहाँ इन्होने मानक के अनुरूप पंगेशियस के 12000 मत्स्य बीज का संचय कर 08-10 महीनों के Culture Period से कुल 10 टन मछली का उत्पादन किया गया तथा आय में वृद्धि भी दिखाई देने लगी। वर्ष 2021-22 में इनके द्वारा कुल 10 टन मछली का उत्पादन किया गया। उत्पादन में वृद्धि से आय में भी बढोत्तरी हुई। द्वितीय वर्ष 2022-23 में सेकंड कल्चर पीरियड स्टार्ट किया गया है एवं 18000 मत्स्य बीज संचय किया गया है।
रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम की स्थापना एवं मत्स्य पालन की आय से अगल-बगल गाँव के लोगों ने भी मत्स्य पालन का कार्य प्रारम्भ कर दिया है लोग इनसे काफी प्रभावित मी है. इनके रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम की स्थापना से अन्य लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम से Culture Period प्रथम वर्ष में ही Rs. 6-7 लाख की शुद्ध आय प्राप्त हो रहा है। भारत सरकार के किसानों की आय दोगुना करने एवं समावेशी विकास इनका महत्तवपूर्ण योगदान है। 0.25 हे० मे तीन कच्चे तालाब निर्माण करा कर इण्डियन मेजर कार्प (रोहू भाकुर नैन) का भी उत्पादन किया जा रहा है। इनके द्वारा घर परिवार एवं आस पास के बेरोजगार युवाओं को भी प्रेरित किया गया उन सबको रोजगार दिलाया। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन, परियोजना निदेशक राकेश प्रसाद, उपनिदेशक कृषि, जिला सूचना अधिकारी संतोष कुमार द्विवेदी, सहायक निदेशक मत्स्य पूजा गौतम,मत्स्य पालक तथा संबंधित विभाग के अधिकारी/कर्मचारी मौके पर उपस्थित है।