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एक ही दुकान में तीन माह के अंदर दूसरी बार हुई चोरी
पूर्व की चोरी का खुलासा करने में नाकाम रही अहिरौली पुलिस
अंबेडकरनगर। अहिरौली थाना क्षेत्र अंतर्गत मौरा पारा के मजरे तिवारी का पूरा में बीती रात बेखौफ चोरों ने एक वाहन धुलाई सेंटर एवम मोटरसाइकिल के पार्ट की दुकान पर हजारों का सामान सीमेंट की चादर को तोड़कर अंदर घुसे चोरों ने पार कर दिया। पीड़ित द्वारा डायल 112 पर फोन का जानकारी दी,मौके पर पहुंचकर 112 के पुलिसकर्मियों ने जानकारी हासिल की। वही पीड़ित दुकानदार द्वारा अहिरौली थाना अध्यक्ष से संपर्क कर पूरी जानकारी दी जिससे मौके पर क्षेत्र के उप निरीक्षक सहित अन्य पुलिस कर्मी भी घटनास्थल पर पहुंच कर जांच पड़ताल किया।
रविवार सुबह जब पीड़ित दुकानदार हरि कांत तिवारी अपनी दुकान खोलने आए तो सटर उठा कर देखा तो अंदर में सामान इधर-उधर बिखरे हुए थे जब दुकानदार ने सीमेंट चादर की तरफ देखा तो टूटा हुआ था और अंदर से लकड़ी की सीढ़ी लगाकर सामान को बाहर निकाला गया था। गौरतलब है कि इसी दुकान में बीते 19 नवम्बर को को भी चोरी हुई थी, जिसमें पीड़ित दुकानदार ने अहिरौली थाने में तहरीर भी दी थी लेकिन महीनों बीत जाने के बाद जब मुकदमा नहीं दर्ज हुआ तो पीड़ित दुकानदार पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर थाना अध्यक्ष अहिरौली की जब शिकायत की तो तत्काल अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आज तक पहली चोरी की घटना का मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया था, वही चोरी में गए हुए सामान धुलाई सेंटर पर लगे इंजन, प्रेशर मशीन, प्रेशर पाइप वा शटर का ताला तोड़कर लगभग 45 हजार का सामान भी उठा ले गए थे ,जिसका आज तक खुलासा भी नहीं हो पाया था, कि वही एक बार फिर उसी दुकान में बेखौफ चोरों ने घटना को तब अंजाम दिया जब पीड़ित दुकानदार अपने पिता की तेरहवीं में व्यस्त होने के कारण से दुकान पर सोने नहीं आया था। इसी का फायदा उठाते हुए चोरों ने एक बार फिर अहरौली पुलिस को खुली चुनौती देते हुए दुकान में हाथ साफ कर दिया।आखिर अशरफ पुर वरवां क्षेत्र के रात में गश्त करने वाली अहिरौली पुलिस कहां रहती है, यह ग्रामीण क्षेत्र वालों को भी नहीं पता है कि इस क्षेत्र में कभी भी कोई गस्त करता है जिसकी पूरी जानकारी बेखौफ चोरों को रहती थी, उसी का फायदा उठाते हुए चोर चोरी करने में दोबारा भी सफल हो गए। अब देखना है कि अहिरौली पुलिस ऐसी छोटी चोरियों का खुलासा कर पाने में सफल होती है या पूर्व की तरह अब भी महज पीड़ित को सांत्वना देते हुए मामले को दबा देगी। खबर लिखे जाने तक पीड़ित द्वारा थाने में तहरीर नहीं दी जा सकी थी।