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अयोध्या। (आशा भारती नेटवर्क) शहर के सघन व्यापारिक इलाके में करोड़ों रुपये की नजूल भूमि की प्लाटिंग की जा रही थी। इसके साथ ही जमीन पर कुछ लोग निर्माण भी करा रहे थे। इसकी जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन ने सोमवार शाम निर्माण को गिराकर जमीन को कब्जे में ले लिया है। बताया जा रहा है कि इस विशाल भूखंड पर पार्किंग और जन सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
चौक से कुछ ही दूरी पर सुभाषनगर में दामोदरदास धर्मशाला स्थित है। करीब चार एकड़ का यह भूखंड नजूल विभाग ने फुलवारी के लिए 30 साल की लीज पर दिया था। लीज खत्म हो जाने के बाद भी जमीन धर्मशाला संचालक के ही कब्जे में रही। यही नहीं यहां कई दुकानें बना डाली गईं और उन्हें किराए पर उठा दिया गया। इस बीच धर्मशाला संचालक ने जमीन पर प्लाटिंग शुरू कर दी। ऐसे बैनामे की भनक जब जिलाधिकारी नितीश कुमार को लगी तो उन्होंने सहायक अभिलेख अधिकारी रामकुमार शुक्ल को कार्रवाई के आदेश दिए। रामकुमार शुक्ल सोमवार को पुलिस बल और जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचे और नजूल भूमि पर कराए गए निर्माण को ध्वस्त करा दिया। खाली कराई गई करीब डेढ़ एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया।
उन्होंने बताया कि जमीन अब प्रशासन के कब्जे में है। इस जनहित में उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जमीन पर बना धर्मशाला व अन्य निर्माण अब सरकार के कब्जे में है। बताया कि नजूल भूमि को बेचने और खरीदने वालों के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराया जाएगा।
पार्किंग बनने से लोगों को होगी सहूलियत
सुभाषनगर से चौक तक के इलाके में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से इलाके में दिन भर जाम लगा रहता है। वाहन सड़कों पर ही खड़े होते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मुक्त कराई गई जमीन पर मल्टीलेबल पार्किंग भी बन सकती है। सार्वजनिक शौचालय के साथ अन्य जनसुविधाओं का भी विकास हो सकता है। डीएम नितीश कुमार का कहना है कि इन्हीं कार्यों के लिए यह जमीनें खाली कराई जा रही हैं।
पुष्पराज चौराहे से लेकर उदया चौराहे तक मुक्त होगी नजूल लैंड
अयोध्या रामनगरी में नजूल की जमीन पर जमकर कब्जे हुए हैं। कब्जे की जमीनों पर मकान, दुकानें और शॉपिंग कॉम्पलेक्स तक बन गए हैं। ऐसी करीब एक हजार करोड़ बाजार मूल्य की भूमि की प्रशासन ने पहचान कर ली है। इसे जल्द खाली कराने की तैयारी है।
नजूल की यह जमीन उदया चौराहे से लेकर परिक्रमा मार्ग और पुष्पराज चौराहे के पास सड़क के रूप में है। यहां कागजों में करीब 36 मीटर चौड़ाई में सड़क और नजूल भूमि है। किंतु यहां भी जमीन पर भारी पैमाने पर अवैध कब्जा है। प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक यहां फूड कोर्ट बनाने, पार्किंग और जनसुविधाओं को विकसित के लिए जल्द ही बुलडोजर चल सकता है। प्रशासन ने इसके लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली है। धीरे-धीरे एक-एक कर यह जमीनें खाली कराई जाएंगी।
जिलाधिकारी का कहना है कि शहर में सुंदरीकरण, जन सुविधाओं के विकास, पार्किंग व सरकारी निर्माण के लिए बड़े स्तर पर जमीन की जरूरत है। नजूल के रूप में बड़ी मात्रा में यह जमीन उपलब्ध है और उसे चिह्नित भी कर लिया गया है। जल्द ही खाली करवाया जाएगा।