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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) मैं भी आपकी तरह ही खुशहाल जिंदगी जीना चाहता हूँ पर अपने मम्मी पापा की गलती की वजह से जिंदगी से लड़ रहा हूँ मुझे हर 15 दिन में खून की जरूरत पड़ती है मेरे शरीर मे आयरन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे मुझे बहुत सी दवाईया लेनी पड़ती है जिस बीमारी से में पीड़ित हूँ जिसका इलाज नही है सब कहते है में बहुत दिन तक जिंदा नही रहूँगा । मैं आपकी एक गलती आपके बच्चे को आजीवन थैलेसिमिया जैसी गम्भीर बीमारी से जूझना पड़ सकता है मेरे मम्मी पापा ने शादी से पहले रक्त जांच HBA2 नही करवाई जिसकी वजह से मैं जिंदगी से लड़ रहा हूँ।
मै सूरज गुप्ता आप सभी माताओ एवं बहनों से निवेदन करता हूँ कि शादी से पहले लड़का और लड़की अपनी थैलेसिमिया माइनर HBA2 जांच अवश्य करवाये और अगर दोनों थैलेसिमिया माइनर हो तो पहले दवा करवाये फिर शादी करे अन्यथा आपकी एक गलती आपके बच्चे को पूरा जीवन परेशानी में डाल सकती है हर साल भारत मे 20000 से 30000 थैलेसिमिया माइनर बच्चे जन्म लेते है और इन सब की वजह हम और आप हैं।
रक्तमित्र सूरज गुप्ता अकबरपुर अम्बेडकरनगर प्रबंधक संकल्प मानव सेवा संस्था प्रदेश उपाध्यक्ष निफा उत्तर प्रदेश थैलेसीमिया का उपचार करने के लिए नियमित रक्त चढाने की आवश्यकता होती हैं। कुछ रोगियों को हर 10 से 15 दिन में रक्त चढ़ाना पड़ता हैं।ज्यादातर मरीज इसका खर्चा नहीं उठा पाते हैं। सामान्यतः पीड़ित बच्चे की मृत्यु 12 से 15 वर्ष की आयु में हो जाती हैं। सही उपचार लेने पर 25 वर्ष से ज्यादा समय तक जीवित रह सकते हैं। थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों में आयु के साथ-साथ रक्त की आवश्यकता भी बढ़ती रहती हैं। मेरा आप सभी से अनुरोध है की अगर आप रक्त दान कर सकते है तो साल में कम से कम 2 बार ऐच्छिक रक्त दान अवश्य कीजिये ताकि आपके दिए हुए इस अनमोल दान से किसी बच्चे को जीवन दान मिल सकता हैं।