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आशा भारती नेटवर्क
अंबेडकर नगर। तीन विकास खंड के दो दर्जन गांव की लगभग 46 हजार आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना अटक गई है। दरअसल जलजीवन मिशन के तहत 10 परियोजनाओं के जिस भवन का निर्माण होना है वहां भूमि का स्तर सामान्य स्तर से काफी कम है। ओवरहेड टैंक व ट्यूबवेल की स्थापना के लिए संबंधित भूखंड पर मिट्टी की पटाई होनी है लेकिन मिट्टी की उपलब्धता न होने से कार्य बाधित है। जल निगम व खनन विभाग की तकनीकी टीम से मिट्टी खनन की अनुमति मिलने के बाद ही पटाई का कार्य किया जा सकेगा। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है।
जलजीवन मिशन योजना के तहत लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए चल रहा कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है। जिले में कुल 571 परियोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है लेकिन मात्र 24 परियोजनाएं ही पूरी हो सकी हैं। पहले सभी परियोजनाओं को मार्च 2024 तक पूरा होना था लेकिन बाद में समय सीमा बढ़ाकर दिसंबर 2024 कर दिया गया।हालांकि जिस प्रकार की गति है उसे देखते हुए अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि सभी परियोजनाएं पूरी होंगी भी या नहीं। 10 परियोजनाएं ऐसी हैं जहां भूमि का स्तर सामान्य न होने से ओवरहेड टैंक व ट्यूबवेल का निर्माण ही अधर में लटका हुआ है। जलनिगम कार्यालय के अनुसार विकास खंड भीटी के पांडेय पैकोली, महमूदपुर चपरा, बसोहरी, रामनगर के मरीचा, मकरही, रामपुर, शाहपुर माडरमऊ तथा कटेहरी विकास खंड के खरगपुर, औरंगनगर शममुदीनपुर, दुर्गपुर हरिश्चंद्रपुर में जिस स्थान पर ओवरहेड टैंक व ट्यूबवेल की स्थापना होनी है वहां भूमि काफी नीचे है।इन स्थानों पर ओवरहेड टैंक व ट्यूबवेल के निर्माण के लिए भूमि का स्तर सामान्य किया जाना है। उसके लिए मिट्टी की पटाई होनी है। कार्यदायी संस्था के अनुसार मिट्टी की उपलब्धता न होने से निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ रहा है। पूर्व में कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में मनरेगा योजना के तहत मिट्टी पटाई का कार्य कराए जाने की बात जिम्मेदारों ने की थी लेकिन योजना के तहत पटाई कार्य कराना संभव नहीं।