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डेढ़ लाख की आबादी का इलाज फार्मासिस्टों के सहारे
(गिरजा शंकर विद्यार्थी)
अंबेडकर नगर: करीब डेढ़ लाख आबादी की चिकित्सा व्यवस्था फार्मासिस्टों के भरोसे हैं। तहसील क्षेत्र जलालपुर के छह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से तीन पर तैनात चिकित्सक सीएचसी नगपुर पर ड्यूटी दे रहे हैं तो तीन केंद्र चिकित्सकविहीन चल रहे हैं। उन पर लंबे समय से तैनाती नहीं हो पा रही है। इससे यहां पहुंचने वाले मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।नजदीकी स्तर पर आम लोगों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मिले इसके लिए 25 हजार की आबादी वाले क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं। मालीपुर, बड़ेपुर, सम्मनपुर, रुकुनपुर कासिमपुर, रसूलपुर बाकरगंज व धवरुआ में लंबे समय से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्रोंं पर स्टाफ के साथ संसाधनों का भी टोटा है।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मालीपुर में चिकित्सक डॉ. अमित कुमार की तैनाती है, लेकिन वे सप्ताह में अधिकतर नगपुर सीएचसी पर ड्यूटी देते हैं।
फार्मासिस्ट राजेश वर्मा ही यहां आने वाले मरीजों के उपचार का जिम्मा उठा रहे हैं। अस्पताल में सिरिंज व डिस्पोजल का भी संकट है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ेपुर में डॉ. भास्कर की तैनाती है लेकिन वे सीएचसी नगपुर का चार्ज संभाल रहे हैं। ऐसे में उनकी उपस्थिति यहां नहीं होती। फार्मासिस्ट सतीष कुमार पर ही अस्पताल संचालन की जिम्मेदारी है।
स्वाथ्य केंद्र सम्मनपुर में डॉ. संजीव तैनात हैं लेकिन वे भी सीएचसी नगपुर में अपनी सेवा दे रहे हैं। फार्मासिस्ट अय्यूब खान ही यहां मरीजों का उपचार करते हैं। रुकुनपुर कासिमपुर में चिकित्सक का पद एक वर्ष से खाली पड़ा है। फार्मासिस्ट सुरेश वर्मा यहां मरीजों का इलाज करते हैं। इसी तरह रसूलपुर बाकरगंज में बीते तीन माह से फार्मासिस्ट वाल्मीकि द्विवेदी व धवरुआ स्वास्थ्य केंद्र पर फार्मासिस्ट विजय सिंह मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
जल्द हो चिकित्सकों की तैनाती
सम्मनपुर के राजेंद्र तिवारी, मनीष सिंह व जियालाल आदि ने अस्पतालों में चिकित्सकों की तैनाती कराए जाने की मांग की है। कहा कि सिर्फ अस्पताल खोलने से मरीजों का इलाज नहीं होगा। बल्कि अस्पतालों में चिकित्सकों की तैनाती के साथ ही पर्याप्त दवाएं व संसाधन भी रखने की जरूरत है। स्थानीय अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं न होने से ही बड़े अस्पतालों में भीड़ बढ़ती है। यदि स्थानीय स्तर पर सुविधाएं मिल जाएं तो लोगों को अतिरिक्त भाग दौड़ न करनी पड़े।मौजूदा संसाधन में कर रहे इलाज स्टाफ संकट की जानकारी उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है। उपलब्ध संसाधनों में सभी अस्पतालों में मरीजों का बेहतर उपचार किया जा रहा है। – डॉ. भास्कर, प्रभारी सीएचसी नगपुर