इस न्यूज को सुनें
|
गरीबी और पेट की आग बुझाने के लिए मासूमों के ऊपर जबरन लादा जा रहा जिम्मेदारियों का बोझ
अंबेडकरनगर: (आशा भारती नेटवर्क) वैसे तो हमारे देश में बालश्रम अपराध माना गया है और बच्चों से मजदूरी कराने वालों को सख्त सजा का प्रावधान भी है लेकिन इससे इतर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है जो हमारी सरकारों के साथ ही संवेदनशील व सभ्य समाज का दम्भ भरने वालों के मुंह पर जोरदार तमाचा शाबित हो रहा है।
जनपद अंबेडकरनगर के विकासखंड जलालपुर के ग्राम सभा लखनिया ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के द्वारा ग्राम सभा में मनरेगा के अंतर्गत नाबालिक बच्चों के द्वारा कार्य करवाया जा रहा है बाल मजदूरी जो कि कानूनन जुर्म है लेकिन सरकार के मंसूबों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं ग्राम सचिव और सरपंच योगी जी की सरकार शिक्षा पर बहुत विशेष ध्यान दे रही है और मासूम बच्चों की पढ़ाई करने की उम्र में बाल मजदूरी करवा रहे हैं। जिस उम्र में किताब होनी चाहिए उस उम्र में तसला और फावड़ा बच्चों के हाथों ग्राम प्रधान और सचिव ने पकड़वा दिया कहीं ना कहीं बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ।जरा सोचिए कौन से मां -बाप चाहते होंगे कि उनका बच्चा स्कूल जाने की वजाय मजदूरी करे। लेकिन गरीबी और महंगाई के चलते जिम्मेवारियों व अपेक्षाओं के बोझ तले दबकर ये मासूम अपना जीवन नहीं जी पा रहे हैं। गरीबी के शिकार बच्चे अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए होटलों, दुकानों के अलावा अन्य काम करने में ही अपना हंसता खेलता बचपन गवां रहे है। वहीं नए शिक्षा सत्र की शुरुआत होते ही बच्चों को स्कूल भेजने के उद्देश्य से जगह-जगह जागरूकता रैलियां निकाली जाती हैं साथ ही स्कूलों में बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों को मुफ्त किताबें, ड्रेस, स्कूल बैग और मध्यांह भोजन की व्यवस्था भी की गई है। लेकिन यहां भी वास्तविकता कुछ और ही है। बच्चों को दी जाने वाली किताबों, कपड़ों से लेकर मध्यांह भोजन तक में चल रही कमीशनखोरी और धांधली किसी से छुपी नहीं हैं। सवाल तो यह है कि पेन कागज पकडऩे वाले हाथों और कंधों में जिम्मेदारियों का भारी भरकम बोझ मासूमों को उनका बचपन कब मिलेगा या फिर ऐसी ही होगी देश के भविष्य की तस्वीर है।आखिर विकासखंड के अधिकारियों की नजर क्यों नहीं पड़ी जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर जनता सवाल खड़े कर रहे हैं अब देखना यह होगा की ग्राम प्रधान और सचिव के ऊपर जिम्मेदार अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं जो बच्चों के भविष्य के साथ किया गया खिलवाड़।