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पत्रकार प्रिन्स शर्मा आलापुर
अयोध्या जिले के विधान सभा क्षेत्र गोशाईगंज के ग्राम गोपालापुर(भैसोली)पाली अचलपुर में स्थित अंबेडकर पार्क में माता सावित्री बाई फूले के जयंती समारोह के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सपा के राष्ट्रीय सचिव/पूर्व सांसद/आलापुर के लोकप्रिय विधायक माननीय त्रिभुवन दत्त जी रहें।विशिष्ठ अतिथि के रुप में गोशाईगंज के विधायक माननीय अभय सिंह जी रहें।अध्यक्षता सेवानिवृत्त यात्री कर अधिकारी सुरेन्द्र वर्मा ने किया।कार्यक्रम के आयोजक सुरेन्द्र बागी एवं प्रधान राहुल कुमार के नेतृत्व में विधायक माननीय त्रिभुवन दत्त जी का फूल माला पहनाकर स्वागत सम्मान किया।समारोह को सम्बोधित करते हुए विधायक माननीय त्रिभुवन दत्त जी ने कहा कि माता सावित्री बाई फूले प्रथम महिला शिक्षिका रही।माता सावित्रीबाई फूले को उनके पति ज्योतिबा राव फूले ने शिक्षा दी थी।उस समय सामाजिक व्यवस्था के तहत समाज में किसी भी वर्ग की स्त्री को पढ़ने लिखने का अधिकार नहीं था उस समय विद्यालय खोलकर समाज की बेटियों को शिक्षा देने का कार्य माता सावित्री बाई फूले ने शुरू किया|बेटियों को पढ़ाने में माता सावित्री बाई फूले को तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।सही मायने में आज शिक्षा की देवी कोई है तो वह सावित्री बाई फुले है लेकिन यह बात तमाम लोग नहीं जानते,क्योंकि हमें इतिहास पढ़ाया नहीं गया हमें बताया नहीं गया,निश्चित तौर से इतिहास को हमें जानना चाहिए,क्योंकि इतिहास जब इंसान नहीं पढ़ता तो तरक्की नहीं कर सकता,इतिहास से जागृति आती है,जागृति सोच बनती है,सोच से ताकत बनती है और जब ताकत होती है,तो आदमी संघर्ष करता है और जब इंसान संघर्ष करता है तो उसे राज पाठ मिलता है|इस समय मैं नहीं पूरा जमाना कह रहा है कि बेरोजगारों की फौज रोड़ पर खड़ी है,क्योंकि मेरे साथियो इस देश व प्रदेश को चलाने वाले हुक्मरानों ने हमारे बेटे और बेटियों का ध्यान नहीं दिया|बेरोजगार नौजवान जब अपने अधिकार और हक हकूक की बात करता है तो उसे हक अधिकार नही बल्कि लाठियां मिलती हैं|इस लिए आप सभी की जिम्मेदारी है कि समाज में चेतना पैदा करें जिससे सभी वर्ग के लोग शिक्षित होकर समाज का उत्थान करें।बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के समय में भी समाज के लोगों को मुल्क में पढ़ने लिखने का अधिकार नहीं था,अच्छा कपड़ा पहने का,अच्छी रोटी खाने का,अच्छे मकान में रहने की व्यवस्था नहीं थी|इस भारतवर्ष में गिट्टी से मिट्टी तक तोड़ने वाला समाज,सुई से लेकर हवाई जहाज तक बनाने वाला समाज,खेत खलिहान में काम करने वाला समाज और चाहे माघ की ठिठुरती ठंडक हो,जेठ की तपती दोपहरी हो,सावन की झमझमाती बरसात हो,हर समय में काम करने का कार्य करता है लेकिन ऐसे समाज के लोगों को इस मुल्क में गैर बराबरी की निगाह से देखने का काम किया जाता है|बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर जी को जब संविधान लिखने का मौका मिला तो बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने हर समाज के साथ-साथ गरीबों,मजदूरों,दलितों,शोषितो,पिछड़ों,अकलियतो व हर समाज के लिए बराबर का दर्जा देने का काम किया और जिस दिन 26 जनवरी 1950 को इस मुल्क में बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने संविधान दिया था उस दिन बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने खिलखिला कर हंस पड़े थे कि जिस समाज के लोगों को इस मुल्क में जानवर से बद्दतर जिंदगी जीने को मजबूर किया गया,ऐसे समाज के लोगों को भी मैंने वो अधिकार दे दिया कि वो समाज की अग्रणी भूमिका अदा करके अपने जीवन का निर्वाहन करने का काम कर सके।बहुजन समाज में जन्में संतों गुरुओं महापुरुषों के विचारों को ग्रहण कर सीखने व समाज को सिखाने की जरूरत है|जिससे समाज जागरूक हो। मुख्य अतिथि विधायक माननीय त्रिभुवन दत्त जी ने बच्चों को बाबा साहब डॉ०भीम राव अम्बेडकर जी का चित्र,किताबे,कलम देकर पुरस्कृत किया।संचालन वरिष्ठ समाज सेवी श्री जुग्गीलाल गौतम ने किया।इस मौके पर श्रीनाथ निषाद,कौसलेंद्र निराला,अंकेश सिंह गौतम,राम तिलक वर्मा,प्रेम सागर प्रजापति,अजय गौतम एडवोकेट,अनिल कुमार,विजय पुष्प,सुनील विश्वकर्मा,बाकेलाल भारती,अमित चौधरी,संजय गौतम,रामकुमार विश्वकर्मा,सुनील भारती,राम जनम यादव,सत्य प्रकाश मिश्र,अन्नू कनौजिया,कपिल देव विश्वकर्मा,रामदेव आदि भारी संख्या में लोग मौजूद रहें।
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