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आशा भारती नेटवर्क
सुलतानपुर। कल से कोर्ट प्रवेश पर लगाई गई रोक। अगला निर्णय न लिए जाने तक कल कोई भी अधिवक्ता न्यायालय में न्यायिक कार्य को लेकर नहीं करेगा प्रवेश। किसी भी प्रकार का प्रार्थना पत्र पेश करने वाले अधिवक्ता पर लगेगा एक हजार का अर्थदंड,दुबारा गलती करने पर जाएगी सदस्यता। अधिवक्ता संघ के जरिये लिए गये निर्णय का पालन कराने को लेकर 14 अधिवक्ताओ की टीम की गई गठित। अधिवक्ता हितों को लेकर सजग व सक्रिय रहने वाले अधिवक्ताओ को चुनकर संघ ने बनाया है सदस्य। जिम्मेदार अफसरों के जरिये अधिवक्ताओ व वादकारियों की समस्याओं का निदान न निकालने के चलते बढ़ता जा रहा अधिवक्ताओ का आक्रोश। कल प्रशासनिक न्यायमूर्ति से मुलाकात के दौरान हुई वार्ता से संघ के सदस्यों को अवगत कराने के लिए बुलाई गई बैठक में आई अधिवक्ताओ की राय के बाद बार का रुख हुआ सख्त संघ ने आज फिर अपनी मांगों को लेकर न्यायिक कामकाज से विरत रहने का लिया था निर्णय। कोर्ट ट्रांसफर आदेश वापस न होने अथवा अपेक्षित संशोधन होने तक आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिख रहे अधिवक्ता। जिला न्यायालय,कलेक्ट्रेट व तहसील समेत मुख्यालय पर संचालित होने वाली अन्य सभी अदालतों का कामकाज तीन दिन से हो रहा प्रभावित। अधिवक्ताओ व वादकारियों की समस्या को बिना ध्यान में रखे कोर्ट ट्रांसफर के आदेश से बढ़ा है आक्रोश,आज इसी मुद्दे को लेकर बुलाई गई थी बैठक,महासचिव आर्तमणि मिश्र ने दी संघ के जरिये लिए गये निर्णय की जानकारी
अधिवक्ता संघ सुलतानपुर थाना कादीपुर व अखण्डनगर ट्रांसफर मामले को लेकर लड़ रहा लड़ाई,आज के लिए फिर बुलाई गई थी मीटिंग। कोर्ट ट्रांसफर मुद्दे को लेकर आज भी दिन भर न्यायिक कार्य से विरत है अधिवक्ता संघ। हाईकोर्ट के आदेश व जिला न्यायाधीश की सहमति का हवाला देते हुए सीजेएम बटेश्वर कुमार ने बीते सोमवार की शाम जारी किया था दो थानों का ट्रांसफर आदेश। वाह्य न्यायालय कादीपुर में दोनों थाने किये गए है ट्रांसफर,थाने के ट्रांसफर होने से न्यायिक कार्य मे आने वाली व्यवहारिक दिक्कतों को लेकर आहत है अधिवक्ता। बिना कोई जानकारी पूर्व में प्रसारित किए अचानक इस तरीके के थाना ट्रांसफर फैसले से अधिवक्ता व वादकारी भ्रमित। इस विवाद के बीच ट्रांसफर थानों से जुड़े मुकदमो की पैरवी मुख्यालय स्थित अदालत से करें या तहसील स्तर पर मौजूद वाह्य न्यायालय से करें,इस बात को लेकर सब हो रहे भ्रमित। अधिवक्ताओ के मुताबिक जनता को नजदीक न्याय दिलाने की बात कहकर जारी कर दिया गया है आदेश,लेकिन किसी भी व्यवस्था व उसमें आने वाली समस्याओं पर नहीं किया गया विचार,इन्हीं मुद्दों को लेकर अधिवक्ता संघ का विरोध चल रहा है।