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आरटीआई का जवाब देने में विभाग कर रहा हीला हवाली
(आशा भारती नेटवर्क) अम्बेडकर नगर। जिले में अवैध पैथोलॉजी लैब की बाढ़ सी आ गई है। कलेक्शन सेंटर की आड़ में धड़ल्ले से अवैध पैथोलॉजी लैबों का संचालन किया जा रहा है। जिला मुख्यालय में ही जगह-जगह पैथोलॉजी लैब खोल ली गई हैं और इनकी संख्या में तेजी से इजाफा भी होता जा रहा है। बिना रजिस्ट्रेशन व अधिकृत मान्यता न होने के बावजूद संचालित हो रहीं पैथोलॉजी लैबों की जानकारी होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।जबकि लैब संचालक एमबीबीएस,एमडी पैथोलॉजिस्ट होना चाहिए। इतना ही नहीं अवैध तरीके से संचालित हो रहीं लैब के पास न ही नियमानुसार पॉल्यूशन बोर्ड का रजिस्ट्रेशन है और न ही पंजीकृत मेडिकल वेस्ट फर्म का पंजीयन है। लैब के पास पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का रजिस्ट्रेशन, पंजीकृत मेडिकल वेस्ट सर्विस से एग्रीमेंट, सीएमएचओ ऑफिस का रजिस्ट्रेशन, नगर पालिका/पंचायत का अनुमति पत्र व गुमाश्ता लायसेंस, दुकान का किरायानामा होना आवश्यक है, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर पैथोलॉजी लैब संचालित हो रही हैं।
जनपद अम्बेडकरनगर बसखारी में अकबरपुर रोड स्थित गायत्री मंदिर जय डायग्नोस्टिक सेंटर ऐसे बहुत से जहांगीरगंज में पैथोलॉजी डायग्नोस्टिक सेंटर खुलेआम चल रहे हैं बिना रजिस्ट्रेशन के इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अपने अधिकार 2005 के तहत जन सूचना मांगी गई तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी सी एच सी प्रभारी को लिखित रूप में दे दिया गया और प्रार्थी को समय से सूचना अवगत कराएं और नहीं कराते हैं उसके जिम्मेदार सी एच सी प्रभारी की जिम्मेदारी होगी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी 2005 के अंतर्गत सूचना प्रदान कराने को लेकर मांगी गई थी की बसखारी में कितने डायग्नोस्टिक पैथोलॉजी सेंटरों का रजिस्ट्रेशन है और मुख्य चिकित्सा सूचना 2005 के अधिकार को हनन करते हुए सूचना उपलब्ध करवाने में असमर्थ रहते हैं ऐसा लगता है की मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सी एच सी के प्रभारी मिलीभगत से फल फूल रहे हैं डायग्नोस्टिक सेंटर वाले और मरीज को कंगाल बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सी एच सी अधीक्षक सूचना ना दे पाना भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता नजर आ रहा है आखिर ऐसे अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही क्यों नहीं किया जाता है यह बड़ा सवाल है या अंबेडकर नगर जिले को स्वास्थ्य विभाग मलाईदार जिला समझता है बसखारी में बिना डिग्री के अल्ट्रासाउंड मशीनें चला रहे हैं और मरीजों को लूट रहे हैं डॉक्टर और डायग्नोस्टिक मिलकर अब देखना यह होगा कि कब मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अधीक्षक सूचना को उपलब्ध करवाते हैं या फिर भ्रष्टाचार का खेल चलता रहेगा।