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परीक्षण खंड ने संदिग्धों को सौंप दी खजाने की रखवाली
एमवीवीएनएल के नियम कानून ताक पर, प्रमोशन के बाद उसी स्थान पर ही बने मीटर जेई
अंबेडकर नगर। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के परीक्षण खंड में नित नए कारनामे उजागर हो रहे हैं। इस बार एक नया मामला प्रकाश में आया है, जिसमें संदिग्धों को ही मीटर/5-एम अवर अभियंता की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इस प्रकरण में यह मुहावरा सटीक बैठता है कि चोरों से ही खजाने की रखवाली कराई जा रही है।
रीडिंग स्टोर कर मीटर बदलने के घोटाले में चल रहे अकबरपुर विद्युत परीक्षण खंड में एक-एक कर नए-नए मामले उजागर होंगे। तबादला नीति के तहत 3 वर्ष से ज्यादा होने पर मीटर जे ई अश्वनी कुमार का स्थानांतरण भी हुआ था परंतु लक्ष्मीनिया के बदौलत स्थानांतरण रुकवा लिया गया।अभी कुछ समय पहले ही आईजीआरएस के माध्यम से अकबरपुर में तैनात मीटर जे ई अश्वनी कुमार के बारे में सूचना मांगी गई थी इनके द्वारा विभाग से कितने मीटर लिए गए और कितने जमा किए गए उसका पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराया जाए परंतु इसके बारे में आधी अधूरी सूचना केवल उपलब्ध कराई गई। जिसमें निर्गत मीटर और जमा किए गए मीटर का ब्यौरा तथा ब्राडिंग और कार्यवाही के बारे में जानकारी मांगी गई परंतु उसका जब आप लीपापोती कर आई जी आर यस पर लगा दिया गया। पूरा ब्यौरा न देकर केवल लिए गए मीटर की संख्या और जमा किए गए मीटर की संख्या ही दर्शाई गई जोकि संदिग्ध है।यहां के अधिकारियों ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम और उत्तर प्रदेश पावर कारर्पोशन के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए इसी स्थान पर प्रमोशन लेने के पश्चात मीटर ब्राडिंग से 5-एम की जिम्मेदारी सौंपी है। विदित हो कि उपभोक्ता के यहां से मीटर बदलने के उपरांत पुराने मीटर की ब्राडिंग सहायक अभियंता की देखरेख में होती है। ब्राडिंग में यदि मीटर से कोई छेड.छाड. की गई हो तो कमी सामने आ जाती है, लेकिन यहां के अधिकारी अब तक केवल कागजों पर ही ब्राडिंग करते हैं। यहां तक कि ब्राडिंग को लेकर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक वाणिज्य के सख्त निर्देशों को भी धता दिखा दिया गया। ब्राडिंग के बाद मीटर री-चेक होकर अवर अभियंता की निगरानी में स्टोर में जमा होते हैं। अगर निकालें गए मीटर की जांच की जाए तो कागज से लेकर स्टोर तक नहीं मिलेंगे। नियम यह है कि परीक्षण खंड का कोई भी कर्मचारी प्रमोशन के बाद उसी स्थान पर मीटर/5-एम का जेई नहीं हो सकता, लेकिन यहां तो पूरे कुंए में ही भांग पड़ी है। पदोन्नत के बाद अकबरपुर परीक्षण खंड में कर्मचारी को ही मीटर /5-एम का जेई बना दिया गया है, जो स्वयं ही ब्राडिंग कर रहे हैं और स्वयं की निगरानी में ही मीटर स्टोर में जमा करा रहे हैं। ब्राडिंग के सापेक्ष पिछले एक वर्षों में कितने उपभोक्ताओं के ऊपर समन शुल्क निर्धारित करने का पत्र वितरण खंडों/उपखंडों में गया है, इसका जवाब यहां के अफसरों के पास नहीं है।