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प्रयागराज: देश में कार्डियक अरेस्ट का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यूपी के प्रयागराज में योग करते समय एक टीचर की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। यहां शंकरघाट मोहल्ले में रह रहे ओम प्रकाश त्रिपाठी मूलत: मध्य प्रदेश के बालाघाट से थे।
वे रोज की तरह प्रयागराज के तेलियरगंज में कर्जनब्रिज के ऊपर दोस्तों के साथ योग कर रहे थे। जब त्रिपाठी सूर्य नमस्कार कर रहे थे, तभी अचानक वे नीचे गिर पड़े और फिर उनकी नाक से खून बहने लगा।
लगातार बढ़ रहे देश में हार्ट फेल के मामले, पढ़िए 10 बड़ी बातें
1. प्रयागराज की घटना ने एक बार फिर देश में बढ़ते हार्ट फेल के मामलों से चिंता बढ़ा दी है। ओम प्रकाश त्रिपाठी को नीचे गिरा देखकर उनके दोस्त तुरंत टीबी सप्रू (बेली) अस्पताल ले गए।
2. त्रिपाठी की हालत गंभीर देखकर उन्हें टीबी सप्रू से स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल रेफर किया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मंगलवार(14 मार्च) को रसूलाबाद घाट पर उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे लोग स्तब्ध देखे गए।
3.51 वर्षीय ओमप्रकाश त्रिपाठी के पिता अनंतराम मध्यप्रदेश के बालाघाट में दरोगा थे। ओम प्रकाश पत्नी डॉली के साथ प्रयागराज के शंकर घाट मोहल्ले में रह रहे थे। उन्हें जानने वाले ओपी त्रिपाठी कहते थे। वे सोरांव तहसील में एआरपी के थे।
4.यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर नियुक्त हुए त्रिपाठी डायबिटिक थे। इस वजह से वे अपनी हेल्थ को लेकर बेहद सजग थे। रेग्युलर योग करते थे। वे अपने दोस्तों को भी योग के प्रति जागरूक और मोटिवेट करते थे।
5. उनके मित्र एडवोकेट ज्ञान बहादुर के अनुसार, त्रिपाठी, शिव बहादुर मौर्य और वे खुद कर्जन ब्रिज पर योग कर रहे थे। तभी वे नीचे गिर पड़े। यह देखकर दोस्त घबरा गए।
6.ओम प्रकाश त्रिपाठी पर्यावरण और प्रकृति प्रेमी थे। वे प्राकृतिक माहौल में रहना अधिक पसंद करते थे।
7. रंगपंचमी-12 मार्च को उज्जैन में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12 मार्च रंगपंचमी के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर से निकाली गई शोभायात्रा में शामिल होने के बाद इस लड़की मौत हो गई। लड़के की पहचान मयंक के रूप में हुई है। वह महाकालेश्वर मंदिर के सहायक पुजारी के बेटे थे।
8. पिछले दिनों तेलंगाना में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। यहां मृतक की पहचान पेडापल्ली जिले के डीसीसी अध्यक्ष राज ठाकुर के भाई ठाकुर शैलेंद्र सिंह के रूप में हुई थी। शैलेंद्र हमेशा की तरह घर से बाहर निकले। CCTV में देख सकते हैं कि चंद सेकंड बाद ही उनकी बॉडी शिथिल होने लगी। वह दीवार पकड़ कर खड़े हो गए। हालांकि इसके बाद वह अचानक गिर पड़े। चंद सेकेंड में ही उनकी जान चली ग ई!
9.पिछले दिनों हैदराबाद में ही एक ऑन-ड्यूटी ट्रैफिक सिपाही राजशेखर की सूझबूझ और नॉलेज से एक शख्स की जिंदगी बच गई थी। हुआ यूं था कि राजेंद्रनगर में बस से उतरते ही एक शख्स हार्ट अटैक आने से सड़क पर ही बेहोश होकर गिर पड़ा। सिपाही ने बिना देरी किए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) देकर उसकी जान बचा ली।
10.हार्ट स्पेशलिस्ट मानते हैं कि यदि तत्काल कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) दिया जाए, तो जान बचाई जा सकती है। हाल ही में, ऐसे कुछ उदाहरण सामने आए हैं जिनमें कई लोगों को कार्डियक अरेस्ट या हार्ट फेलियर का सामना करना पड़ा है।