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अंबेडकर नगर: परिवहन विभाग का खेल बड़ा निराला है। जिम्मेदारों के रहमों करम पर ओवरलोड वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से चल रहा है। बस शर्त इतनी सी है कि उनकी इंट्री (एडवांस सुविधा शुल्क) पहले से दर्ज न हो, तो उनकी इंट्री नहीं है तो ऐसे वाहनों पर नो इंट्री लागू होगी और विभागीय कार्रवाई भी हो सकती है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ प्रमुख स्थानों की इंट्री प्वाइंट बनाए गए हैं। त्रिपाठी जी, प्रमोद, विजय, बाबा, राहुल, हिमांशु, विकास, चतुर्वेदी, गुड्डू, सभाजीत, मनोज के नाम पर बकायदा भारी वाहनों के नंबर की सूची बनी हुई है। यह सूची किसने तैयार की यह जांच का विषय है।
*क्या है नो एंट्री का खेल* संभागीय परिवहन कार्यालय द्वारा नो एंट्री का यह खेल किसी मायाजाल से कम नहीं नो एंट्री एडवांस सुविधा शुल्क जमा करने का नाम है जिसमें गाड़ी के नंबर दर्ज होते हैं और प्रति गाड़ी उसका शुल्क एडवांस में जमा कर दिया जाता है। यह नंबर परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को भेज दिए जाते हैं। इसके बाद ओवरलोड वाहन जिले से होकर बेरोकटोक गुजर जाते हैं। प्रतिदिन लगभग 100 गाड़ियां जिले से गुजरती है अथवा अपने गंतव्य तक पहुंचती है। उन पर कोई कार्रवाई नहीं है। नहीं होती है कारण है कि इंट्री के नाम पर प्रति गाड़ी लगभग तीन हजार रुपये सुविधा शुल्क पहले ही संबंधित कोड नाम वाले व्यक्ति द्वारा जिम्मेदारों तक पहुंचा दिया जाता है। यह खेल एक दिन का नहीं है बल्कि प्रतिदिन का है।एआरटीओ
की जद में सिर्फ वही वाहन आ रहे हैं, जो विभागीय सिस्टम का हिस्सा नहीं है।
मार्च माह में हुई कार्रवाई : एआरटीओ विभाग द्वारा 19 मार्च तक 44 वाहनों पर कार्रवाई हुई है। इसमें 19 वाहने को सीज किया गया, जबकि 25 का चालान हुआ है। कुल चार लाख 29 हजार रुपये की राजस्व वसूली हुई है।