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(गिरजा शंकर विद्यार्थी)
अंबेडकर नगर: जनपद में आयुर्वेदिक अस्पतालों में कर्मचारियों की भारी कमी है। यहां के अस्पतालों में कही डॉक्टर नहीं है, तो कहीं फार्मासिस्ट और कही फार्मासिस्ट है तो डॉक्टर नहीं। इसकी वजह से आयुर्वेदिक चिकित्सा से इलाज की उम्मीद रखने वाले मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पाता है। आकंडों पर गौर करे तो जिले में 14 ऐसे आयुर्वेदिक चिकित्सालय है, जो फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहे हैं। वहीं दर्जनों ऐसे अस्पताल है। जहां दवा देने के लिए फार्मासिस्ट नहीं हैं। ऐसे में मरीजों की सेहत की सुरक्षा राम भरोसे चल रही है।प्रदेश सरकार आयुर्वेदिक इलाज को बढ़ावा देने का दावा करती है, लेकिन आयुर्वेदिक अस्पतालों की स्थित बद से बदतर है। कहने को तो जिले में मरीजो के इलाज के लिए 42 आयुर्वेदिक अस्पताल है, लेकिन इन अस्पतालों में डॉक्टरों और फार्मासिस्ट की कमी है, जिससे यहां इलाज की उम्मीद लेकर आने वाले मरीजो का समुचित इलाज नही हो पाता है।जिले में 42 अस्पतालों के संचालन के लिए 42 डॉक्टरों के पद सृजित किये गए थे, लेकिन वर्तमान में केवल 28 डॉक्टरों की नियुक्ति है। ये 28 डॉक्टर 28 अस्पतालों पर नियुक्त है, लेकिन 14 अस्पतालों पर डॉक्टरों के पद खाली है। इसके चलते इन अस्पतालों पर फार्मासिस्ट ही मरीजो की जांच कर इलाज करते है। वही दर्जनों अस्पतालों में फार्मासिस्ट के पद खाली है।
जिला आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉ निशा वर्मा ने बताया कि आयुर्वेदिक अस्पताल में डॉक्टर और फार्मासिस्ट की कमी है। कर्मचारियों की कमी होने से दिक्कत होती है, लेकिन जितने भी कर्मचारी है, उनसे मरीजो को बेहतर इलाज किया जा रहा है।