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मणिपुर में हिंसा के बीच मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है. राज्य में दो महिलाओं को न्यूड (निर्वस्त्र) कर परेड कराने का वीडियो बुधवार (19 जुलाई) को वायरल हो गया, जिसके बाद नए सिरे तनाव फैल गया।
चार मई के इस वीडियो में दिख रहा है कि भीड़ एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रही हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस पर पुलिस ने कहा कि मामले की जांच चल रही है.
पुलिस क्या बोली?
मणिपुर पुलिस के एसपी के मेघाचंद्र सिंह (K Meghachandra Singh) ने बयान जारी कर बताया कि महिलाओं को निर्वस्त्र करने का मामला 4 मई का है. इसमें हमने गैंग रेप, हत्या और अपहरण की धाराओ सहित अन्य धाराओं में आज्ञात लोगों के खिलाफ नोंगपोक सकमाई (Nongpok Sekmai) पुलिस थाने में केस दर्ज किया है. हम ऐसा करने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं.
इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फॉरम ने क्या कहा?
इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फॉरम (आईटीएलएफ) के बृहस्पतिवार (20 जुलाई) को प्रस्तावित मार्च से एक दिन पहले यह वीडियो सामने आया है.आईटीएलएफ के एक प्रवक्ता के मुताबिक, ‘घृणित’ घटना चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई है और वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं. उनसे मन्नतें कर रही हैं.
प्रवक्ता ने ‘घृणित कृत्य’ की निंदा करते हुए एक बयान में मांग की कि केंद्र और राज्य सरकारें, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अपराध का संज्ञान लें और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करें.
कुकी-ज़ो आदिवासी गुरुवार (20 जुलाई) चुरचांदपुर में प्रस्तावित विरोध मार्च के दौरान इस मुद्दे को भी उठाने की योजना बना रहे हैं. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं. तब से अब तक 120 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।