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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) अपनी दिवंगत मां की स्मृति में गरीब बेटियों की शादी का संकल्प लेकर कार्य कर रहे वरिष्ठ युवा समाजसेवी शरद यादव इस बार 3 नवंबर को फिर एक नया इतिहास लिखने जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार होने वाले सामूहिक विवाह समारोह में कुछ अलग ही छटा नजर आएगी। अपने उसी संकल्प के तहत वे तीसरी बार 21 गरीब बेटियों की शादी राजसी ठाठ बाट से कराने जा रहे हैं। जिसके लिए 15 अगस्त से पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इस बार होने वाले समारोह के बाबत आज संपन्न प्रभावती एक कैलाश ट्रस्ट की बैठक में जरूरी रणनीति बनाई गई। जिसमें बताया गया कि सेवा की एक सार्थक सोच लेकर निकले शरद यादव ने सामूहिक विवाह का वह खाका तैयार किया है जिसके तहत गरीब बेटियों की शादी राजे रजवाड़ों की भांति आयोजित समारोह में की जाएगी। तीन नवम्बर को होने जा रहे त्रितीय सामूहिक विवाह समारोह में प्रत्येक दूल्हे को एक एक शानदार रथ पर और दुल्हन को अलग-अलग डोली में बिठाकर विवाह स्थल तक ले जाया जाएगा। साथ ही तमाम हाथी घोड़े शानदार वैवाहिक समारोह की जीनत बनेंगे। शरद यादव के नेतृत्व में प्रभावती कैलाश चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यकर्ता पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं।
वास्तव में जिले के वरिष्ठ युवा समाजसेवी शरद यादव दूसरों की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझते हैं। पीड़ित मानवता की सेवा का बीड़ा उठाकर अब तक हजारों लोगों को राशन,वस्त्र के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण के लिए पौधा भी उपलब्ध कराया है। लॉकडाउन के दौरान कई जिले के लोगों को राशन किट वितरित कर एक नई मिसाल पेश की है। अब वे अपनी सारी ऊर्जा सामूहिक विवाह में लगाने को तत्पर हैं।
25 जुलाई 1988 को बसखारी में कैलाश नाथ यादव और प्रभावती देवी के होनहार पुत्र के रूप में जन्मे शरद यादव ने इतिहास विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है। इनकी मां साधारण गृहणी थी। जबकि पिता समाजसेवी के रूप में जाने जाते हैं। छात्र जीवन में ही उनके अंदर सहयोग की भावना पनपी थी जो आज विशाल वट वृक्ष का रूप ले चुकी है। इस युवा ने समाज सेवा का बीड़ा अब से 7 वर्ष पूर्व उठाया।अब तक हजारों गरीबों को खाद्य सामग्री, वस्त्र के साथ जरूरत की अन्य मूलभूत वस्तुओं सहित पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधा उपलब्ध कराया है। तमाम गरीब प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को पाठ्य सामग्री के साथ-साथ खिलाड़ियों को खेल सामग्री भी दी है। जिसके तहत जिला मुख्यालय के 26 गरीब बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठा रखा है। जिनका सारा खर्च उठाते हैं। सेवा भाव की इसी पराकाष्ठा के बीच शरद यादव ने ऐतिहासिक रूप से सामूहिक विवाह का संकल्प लिया है। जिसे आजीवन जारी रखने के लिए श्री यादव संकल्पित हैं।