गिरजा शंकर विद्यार्थी
अंबेडकर नगर। संकल्प सप्ताह- सबकी आकांक्षाएं सबका विकास अन्तर्गत मुख्य परफॉरमेंस इंडिकेटर्स के उन्नयन हेतु किए जा रहे प्रयासों को एक सुनिश्चित दिशा देने हेतु नीति आयोग के निर्देश के क्रम में जनपद के तीनों आकांक्षात्मक विकास खण्ड-भियाँव टांडा एवं भीटी में कृषि विभाग द्वारा क़ृषि महोत्सव/क़ृषि मेला/कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का आयोजन। भीटी विकासखंड में कार्यक्रम मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन की अध्यक्षता में टांडा विकासखंड में कार्यक्रम अपर जिलाधिकारी डॉ सदानंद गुप्ता की अध्यक्षता में एवं भियाँव विकासखंड में कार्यक्रम परियोजना निदेशक की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। भियांव विकासखंड में जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय टांडा में उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी श्रीमती अपर्णा सिंह एवं भीटी में अपर जिला कृषि अधिकारी रोहित साहू की उपस्थिति रही। मिलेट्स की खेती को अपनाने एवं मिलेट्स के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी फायदे के प्रति जागरूक करने हेतु स्थानीय कृषकों के सहयोग से मिलेट्स जागरूकता रोड शो भी तीनों विकास खंण्डो में निकाला गया। खाद्य उत्सव- किसान बाजार खेत से मेज़ तक अन्तर्गत मिलेट्स नास्ता परोसा गया। रागी का समोसा मिलेट्स के बने लड्डू कुकीज और नमकीन सम्मिलित किया गया। मेले में किसानों को नवीन कृषि तकनीक के विषय में जानकारी प्रदान की गई। विभिन्न विभागों के द्वारा स्टार लगाया गया तथा मिलेट्स की प्रदर्शनी कराई गई । कृषि तथा संबद्ध विभागों के योजनाओं और कृषकों को देय अनुदान के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया गया।कार्यक्रमों में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक गण भी उपस्थित थे।जिन्होंने किसानों को समसामयिक शासक क्रियो के संबंध में और अपने फसलों में अच्छा उत्पादन लेने के लिए अपनाई जाने वाली विधियों के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया।
आकांक्षात्मक विकास खंण्डो की प्रगति के मापन हेतु निर्धारित परफॉर्मेंस इंडिकेटर पर अपेक्षित परिणाम पाने की दिशा में किए जाने वाले कार्यों की रणनीति भी किसानों के साथ तय की गई। भियाँव मे किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष राम किशोर राजभर उपस्थित थे।उनके द्वारा अपने सम्बोधन मे किसान भाइयों से आवाहन किया गया की मिलेट्स की खेती जरूर करें एवं जैविक विधि से खेती को अपनाएं।कार्यक्रम में उपस्थित सभी किसानों ने संकल्प लिया कि सबके सामूहिक प्रयास से पर्यावरण अनुकूल पद्धतियों के प्रयोग से एवं जैविक संसाधनों का आधिकारिक उपयोग कर फसलों के उत्पादन, उत्पादकता एवं अन्य इंडिकेटर मे वांछित परिणाम प्राप्त करने हेतु उनके द्वारा विभागों का पूर्ण सहयोग किया जायेगा एवं अपने विकासखंड को आकांक्षी से विकसित श्रेणी में बदला जायेगा।