इस न्यूज को सुनें
|
गिरजा शंकर विद्यार्थी/अंबेडकर नगर। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2023-24 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 09.11. 2023 को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में श्री कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में जिला करागार अम्बेडकरनगर से श्री गिरजा शंकर यादव, जेल अधीक्षक, श्री छोटे लाल सरोज, उपकारापाल श्री रमेश राम त्रिपाठी, चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल श्री राजेश तिवारी, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल श्री शरद पाण्डेय, असिस्टेंट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, कारागार के कर्मचारीगण एवं बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि इस दिन को राष्ट्रीय विधिक सेवा के तहत प्राधिकरण अधिनियम और वादकारियों के अधिकार को विभिन्न प्रावधानों से अवगत कराने के लिये मनाया जाता है इस दिवस को मनाने का उद्देश्य समाज के कमजीर वर्गों के लोगों के लिये निःशुल्क प्रवीण और कानूनी सेवाओं की पेशकश करना है, यह कमजोर वर्गों के लोगों को मुफ्त सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने का प्रयास भी करता है। विधिक सेवा दिवस की शुरूआत पहली बार वर्ष 1995 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिये की गयी थी राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नालसा का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अन्तर्गत समाज से कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिये और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये लोक अदालतों का आयोजन करने के उद्देश्य से किया गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश इसके मुख्य संरक्षक हैं और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वितीय वरिष्ठ न्यायाधीश प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 39ए अवसर की समानता के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिये समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का प्राविधान करता है। अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22 (1) विधि के समक्ष समानता सुनिश्चित करने के लिये राज्य को बाध्य करता है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश होते हैं एवं उच्च न्यायालय के सेवारत या सेवानिवृत्त न्यायाधीश को इसके कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामांकित किया जाता है जिला स्तर पर विधिक सेवाएं प्रदान करने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गयी है एवं जनपद न्यायाधीश इसके कार्यकारी अध्यक्ष होते हैं “राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नालसा देश भर में विधिक सहायता कार्यक्रम और योजनाएं लागू करने के लिये राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पर दिशा-निर्देश जारी करता है।” मुख्य रूप से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तालुक विधिक सेवा समितियों आदि को पात्र लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने एवं विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिये लोक अदालतों एवं सुलह-समझौता के माध्यम से निपटाने का कार्य करता है। इन मुफ्त सेवाओं के अन्तर्गत कानूनी कार्यवाही में कोर्ट फीस और अन्य सभी प्रभार अदा करना कानूनी कार्यवाही में निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराना, कानूनी कार्यवाही में आदेशा आदि की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध कराना, कानूनी कार्यवाही में अपील और दस्तावेजों का अनुवाद और छपाई सहित पेपर बुक तैयार करना, मुफ्त विधिक सहायता पाने के लिये महिलाएं और बच्चे अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के सदस्य, औद्योगिक श्रमिक बड़ी आपदाओं जैसे हिंसा, बाढ़, सूखे, भूकम्प तथा औद्योगिक आपदाओं आदि के शिकार लोग, विकलांग, निराश्रित, वृद्धजन व्यक्ति, हिरासत में रखे गये लोग ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक रू० तीन लाख से कम है एवं बेगार या अवैध मानव व्यापार के शिकार व्यक्तियों को पात्र बनाया गया है।
विधिक सेवा दिवस के अवसर पर अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर के तत्वाधान में जनपद स्तर पर एवं जिला कारागार में निष्ठा पूर्वक विधिक सेवायें प्रदान करने वाले सर्वश्रेष्ठ जेल पी०एल०वी एवं सामुदायिक पी०एल०वी० को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
शिविर के दौरान अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार दिनांक 09.12.2023 को जनपद न्यायालय कलेक्ट्रेट आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत पर भी चर्चा की गई। सचिव महोदय द्वारा बताया गया कि आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में लघु प्रकृति के फौजदारी वाद, एन0आई0 एक्ट की धारा 138 भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, वैवाहिक / पारिवारिक वाद, दीवानी वाद मोटर दुर्घटना एवं प्रतिकर वाद, विद्युत अधिनियम से संबन्धित बाद, श्रम वाद एवं भूमि अध्याप्ति बाद राजस्व वाद, ऋण वाद आदि सहित अन्य प्रकार के वादों का आपसी सुलह-समझौते के आधार पर अधिक से अधिक निस्तारण किया जाना है।
अतः समस्त जनपद वासियों को सूचित किया जाता है कि आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने वादों को सुलह समझौते के आधार पर अधिक से अधिक संख्या में निस्तारित करवायें एवं राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ उठायें।