इस न्यूज को सुनें
|
अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) नहीं होगी खाद की कोई कमी, जनपद को मिली 28889 बोरी यूरिया एवं 36000 बोरी डी०ए०पी०*
*• प्रीपोजिसनिंग में पहले से ही बफर में मौजूद है 38065 बोरी यूरिया। इस सप्ताह मिलेगी 2000 मी०टन इफको एवं 500 मी०टन एच०यू०आर०एल० गोरखपुर से यूरिया ।*
• *इस वर्ष के पी०एम० प्रणाम योजना के निर्धारित लक्ष्य से 9% अधिक यूरिया का एवं 10% अधिक डी०ए०पी० का हो चुका है वितरण।**
वर्तमान में किसान भाइयों द्वारा रबी सीजन की मुख्य फसलों की बुवाई का कार्य तीव्र गति से सम्पन्न कराया जा रहा है। जनपद में रबी की मुख्य फसल गेहूं है जिसका इस वर्ष आच्छादन का लक्ष्य 118494 हेक्टेयर एवं उत्पादकता का लक्ष्य 35.48 कं० प्रति हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। पिछले वर्ष गेहूं की खेती जनपद में 118413 हेक्टेयर में की गयी थी एवं उत्पादकता 33.98 कुं० प्रति हेक्टेयर थी । उच्च उत्पादन प्राप्त करने हेतु जैविक एवं कार्बनिक उर्वरकों के साथ रासायनिक उर्वरकों की महती भूमिका होती है। जनपद में खाद की कोई कमी न हो इस हेतु रणनीति तैयार करते हुये तैयारी पूरी कर ली गयी है।
जनपद में यूरिया उर्वरक वितरण के माह दिसम्बर 2023 तक के लक्ष्य 18181 मी०टन के सापेक्ष उपलब्धता 23231 मी०टन सुनिश्चित करायी जा चुकी है, जो लक्ष्य के सापेक्ष 127 % है। जनपद में 9280 मी0टन यूरिया उर्वरक का वितरण कराया जा चुका है। इसी प्रकार फास्फेटिक उर्वरकों में डी०ए०पी० उर्वरक वितरण के माह दिसम्बर 2023 तक के लक्ष्य 10949 मी०टन के सापेक्ष उपलब्धता 12709 मी0टन सुनिश्चित करायी जा चुकी है, जो लक्ष्य के सापेक्ष 116% है। जनपद में 9233 मी०टन डी०ए०पी० उर्वरक का वितरण कराया जा चुका है। एन०पी०के० उर्वरक वितरण के माह दिसम्बर 2023 तक के लक्ष्य 2174 मी०टन के सापेक्ष उपलब्धता 6515 मी०टन सुनिश्चित करायी जा चुकी है, जो लक्ष्य के सापेक्ष 299 % है। जनपद में 4595 मी०टन एन०पी०के० उर्वरक का वितरण कराया जा चुका है तथा सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक की माह दिसम्बर 2023 तक के लक्ष्य 11571 मी0टन के सापेक्ष उपलब्धता 12034 भी०टन सुनिश्चित करायी जा चुकी है, जो लक्ष्य के सापेक्ष 104 % है। जनपद में 5314 मी०टन सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक का वितरण कराया जा चुका है। वर्तमान में 13951 मी०टन यूरिया, 3476 मी०टन डी०ए०पी०, 1920 मी०टन एन०पी०के० एवं 6720 मी०टन एस०एस०पी० उर्वरक जनपद में उपलब्ध है। मिट्टी एवं पर्यावरण स्वास्थ्य में ध्यान रखते हुये रासायनिक उर्वरकों के नव विकसित आधुनिक एवं अधिक कारगर वैकल्पिक स्रोतों को अपनाने की आवश्यकता है। जिस हेतु पी०एम०
प्रणाम योजना लागू की गयी है। जिसके तहत दानेदार यूरिया एवं डी०ए०पी० की खपत में कमी किया जाना है एवं इनके वैकल्पिक स्रोतों जैसे-एन०पी०के०, सिंगल सपर फास्फेट, नैनो डी०ए०पी० एवं यूरिया के उपयोग को बढ़ावा दिया गया है। इस वर्ष माह नवम्बर तक 52431 मी०टन यूरिया वितरण के लक्ष्य के सापेक्ष 57007 मी०टन यूरिया का वितरण किया जा चुका है जो लक्ष्य से 4576 मी०टन (७ प्रतिशत) अधिक है। इसी प्रकार इस वर्ष नवम्बर तक 13185 मी०टन डी०ए०पी० वितरण के लक्ष्य के सापेक्ष 14547 मी०टन डी०ए०पी० वितरण कियाजा चुका है जो कि लक्ष्य से 1362 मी०टन (10 प्रतिशत) अधिक है। नैनो डी०ए०पी० तरल की एक बोतल, एक बोरी डी०ए०पी० के बराबर है इसमें 8% नाइट्रोजन तथा 16% फास्फोरस उपलब्ध है। 5 मि.ली. नैनो डी०ए०पी० प्रति किलो बीज की दर से बीज शोधन करके बुआई करने पर अंकुरण तथा उत्पादन में वृद्धि होती है। किसानों को यह फास्फोरसयुक्त उर्वरकों की तुलना में आधे से भी कम कीमत में उपलब्ध है, जिससे किसानों की लागत में कमी आयेगी तथा उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने के कारण उनके आय में भी वृद्धिहोगी। किसान भाई अपनी फसल में पौधे के नाइट्रोजन की मात्रा के आवश्यकता की पूर्ति आधा दानेदार यूरिया और आधा नैनो यूरिया से कर सकते हैं। फसलों में जब पत्तियां छोटी होती है और कल्ले कम होते हैं तब दानेदार यूरिया का प्रयोग किया जाना चाहिए। नैनो यूरिया के छिडकाव के समय यह देख लिया जाये कि फसल की बढ़वार इस स्थिति की हो गयी हो कि नैनो यूरिया का ज्यादातर घोल पौधों के पत्तियों पर रुक जाये। दानेदार यूरिया मात्र 30 से 40 % ही पौधे को उपलब्ध हो पाता है जबकि नैनो यूरिया लगभग 86% पौधे को उपलब्ध हो जाता है।
नैनो यूरिया को खड़ी फसल में छिड़काव कर प्रयोग किया जाता है, जिसके लिये 4 मिली० नैनो यूरिया प्रति लीटर पानी में मिलाकर (15 लीटर वाली टंकी में 2.5 ढक्कन) प्रयोग करना चाहिये। एक बोतल नैनो यूरिया एक एकड क्षेत्रफल के पर्याप्त होती है। दलहनी फसलों में आधी मात्रा घोल बनाकर प्रयोग करें। नैनो डी०९०पी० को भी नैनो यूरिया की तरह 4 मिली० नैनो यूरिया एवं नैनो डी०ए०पी० को एक साथ मिलाकर भी प्रयोग कर सकते है। कृषि रसायनों को भी जार परीक्षण के उपरान्त नैनो उर्वरकों के साथ मिलाकर प्रयोग कर सकते है। जनपद में नैनो यूरिया की 17000 बोतलें एवं नैनो डी०ए०पी० की 2600 बोतलें उपलब्ध है। नैनो यूरिया की एक बाटल की कीमत 225 रुपये है एवं एक बाटल नैनो डी०ए०पी० की कीमत 600 रुपये है। नैनो यूरिया की एक बाटल एवं एक बाटल नैनो डी०ए०पी० एक एकड़ की फसल के लिये पर्याप्त है। विकसित भारत संकल्प यात्रा अन्तर्गत जिले में आये दो ड्रोन से नैनो यूरिया एवं नैनो डी०ए०पी० का छिड़काव कर
प्रदर्शन कराया जा रहा है। शीघ्र ही दो और ड्रोन जिले को प्राप्त होंगे। जनपद में अधिक मात्रा में यूरिया एवं डी०ए०पी० वितरण होने के कम में टॉप-20 केताओं की जांच में पाया कि कुछ किसानों को बिकी केन्द्रों से उनके खतौनी की भूमि के अनुसार डी०ए०पी० / यूरिया का वितरण नहीं किया गया है। जिसके कारण साधन सहकारी समिति, तोरसमपुर तिलकारपुर, जियापुर, चितवई, दाउदचक एवं बडागांव काजी के सचिवों तथा पी०सी०एफ०, कृषक सेवा केन्द्र, सुरहुरपुर को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है तथा साधन सहकारी समिति बहोरिकपुर, दौलतपुर महमूदपुर, सिकन्दरपुर, मैनुद्दीनपुर, लालापुर, रेवई, दुल्हूपुर, पैकोली सहकारी संघ, धवरुआ, बहोरिकपुर, पैकोली सहकारी संघ को कड़ी चेतावनी जारी की गयी। दो निजी खाद विक्रेताओं मेसर्स दुर्गा प्रसाद खाद भण्डार, ऐनवां, विकास खण्ड-टाण्डा, अम्बेडकरनगर एवं मेसर्स यादव फर्टिलाइजर, औसानपुर, विकास खण्ड-टाण्डा, अम्बेडकरनगर का उर्वरक निबन्धन प्राधिकार पत्र निलम्बित कर दिया गया है।
कृषकों को उर्वरकों की कमी न हो इस हेतु जनपद में जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में उर्वरक कंट्रोल रुम स्थापित है जिसका नम्बर 9455485475 है। जनपद के कृषक उर्वरकों के सम्बन्ध में उक्त हेल्प लाइन नम्बर पर सम्पर्क कर उर्वरकों के सम्बन्ध में अपनी शिकायत दर्ज कराकर समाधान प्राप्त कर सकते है।