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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) लकड़ी ठेकेदार जिम्मेदार विभागों से रसूख के बल पर बिना परमिट के पेड़ों को काटने की अनुमति ले लेते हैं और आनन-फानन उसे काट कर ठिकाने लगा देते हैं। क्षेत्र में प्रतिदिन दर्जनों पेड़ काटकर ले जाए जा रहे हैं। वन व पुलिस महकमे के किसी उच्चधिकारी से यदि कोई शिकायत भी करता है तो वह कार्यवाही की बजाय लकड़कटों को बचाने में लग जाते है। यहा विगत कई साल से एक ही बीट में जमे आरक्षियों से लकड़ी ठेकेदारों की अच्छी खासी पहचान बन गई है। जिससे वह हरे पेड़ों की कटान से नहीं डरते हैं। वह पुलिस व वन कर्मियों को पेड़ काटने के बदले हजारों रुपये देते हैं। अंधाधुंध हो रही पेड़ों की कटान से क्षेत्र से हरियाली ही नहीं नष्ट हो रही है बल्कि प्रकृति का संतुलन भी बिगड़ रहा है ऐसी ही कुछ स्थिति मीरानपुर च में देखने को मिली, मिली जानकारी के अनुसार यह पता चला कि बिना परमिशन के प्रतिबंधित पौधों को काटकर खत्म कर दिया गया यही नहीं बल्कि काटने के बाद उनके अवशेष का भी पता नहीं चला नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों द्वारा यह बताया गया की वार्ड बॉय सतीश के यहां सभी लड़कियां रखी गई है ।कटी हुई लकड़ियां कहां गया इस संदर्भ में सीएचसी प्रभारी डॉक्टर नूर आलम से बात करने का प्रयास किया गया परंतु उनके द्वारा फोन काट कर स्विच ऑफ कर दिया गया। तत्पश्चात तत्पश्चात डीएफओ को इस बारे में अवगत कराया गया और सीएमओ से भी वार्ता की गई परंतु यह पता नहीं चल सका की इन पेड़ों के कथन के बारे में इनका टेंडर किया गया या नीलामी की गई या उनकी कटाई किस प्रकार करवा दी गई।