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गिरजा शंकर विद्यार्थी
अंबेडकर नगर: बिजली कर्मियों की प्रांतव्यापी हड़ताल से उत्पादन संकट के बीच एनटीपीसी के अभियंता बड़ा सहारा बनकर सामने आए हैं। अलग-अलग यूनिटों में तैनात एनटीपीसी के 64 अभियंताओं ने प्रदेश में बिजली संकट न होने देने की जिम्मेदारी संभाल ली है। एनटीपीसी के इन अभियंताओं में डीजीएम, सीनियर मैनेजर, असिस्टेंट मैनेजर व डिप्टी मैनेजर स्तर के इंजीनियर शामिल हैं।बिजली उत्पादन करने वाली संस्था एनटीपीसी पर दोहरी जिम्मेदारी आ पड़ी है। प्रदेशभर के बिजली अधिकारियों व कर्मचारियों के पूर्ण रूप से हड़ताल पर चले जाने के कारण न सिर्फ सुचारु विद्युत आपूर्ति तय करने वरन बिजली उत्पादन को सुचारु बनाए रखने की भी चुनौती बनी हुई है। बिजली उत्पादन न होने पर प्रदेश में त्राहि-त्राहि मच जाने की स्थिति से बचने के लिए राज्य सरकार ने एनटीपीसी का साथ लिया है।राज्य सरकार की तरफ से लिखे गए पत्र के बाद एनटीपीसी ने विद्युत निगम के अलग-अलग उत्पादन केंद्रों के लिए अपने अभियंताओं की तैनाती कर दी है। इन सभी अभियंताओं ने बिजली उत्पादन घरों तक पहुंचकर अपनी जिम्मेदारी भी संभाल ली है।सोनभद्र जनपद की दो इकाइयों सिगरौली के 10 अभियंता इसी जनपद के अनपरा तथा रिहंद के 16 अभियंता इसी जनपद के ओबरा बिजली उत्पादन केंद्र भेजे गए हैं। मिर्जापुर जनपद की विंध्याचल यूनिट से 11 अभियंता, सोनभद्र की अनपरा जबकि गौतमबुद्धनगर की दादरी यूनिट के पांच अभियंता अलीगढ़ जनपद के हरदुआगंज विद्युत उत्पादन केंद्र में जिम्मेदारी संभालने को तैनात किए गए हैं।अंबेडकरनगर की टांडा यूनिट के सात अभियंता तथा रायबरेली जनपद की ऊंचाहार यूनिट के 15 अभियंता झांसी जिले की पारीक्षा यूनिट में बिजली उत्पादन को सुचारू बनाए रखने के लिए भेजे गए हैं। इनमें वरिष्ठ अधिकारियों तक को शामिल किया गया है जिससे किसी भी प्रकार की स्थिति से आसानी से निपटा जा सके।खबर है कि इन अभियंताओं एवं अधिकारियों ने अलग-अलग बिजली घरों पर पहुंचकर सुचारू विद्युत उत्पादन की जिम्मेदारी संभाल ली है। पारीक्षा, अनपरा, ओबरा व हरदुआगंज से फिलहाल सबकुछ सामान्य रहने की खबर है।