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पांच विधायकों व एक सांसद की प्रतिष्ठा निकाय चुनाव में दांव पर
(आशा भारती नेटवर्क)
अंबेडकर नगर: नगर निकाय चुनाव में पांच विधायक व एक सांसद की प्रतिष्ठा सीधे दांव पर लगी है। दरअसल सभी पांच सपा विधायक की संस्तुति पर ही सात निकायों के अध्यक्ष पद के लिए पार्टी ने टिकट सौंपा था। वहीं बसपा सांसद के छोटे भाई अकबरपुर सीट पर पार्टी के प्रत्याशी घोषित हैं। उधर एक पूर्व विधायक की प्रतिष्ठा भी इस चुनाव में फंस गई है क्योंकि वे खुद नगर पंचायत अध्यक्ष पद की प्रत्याशी हैं।निकाय चुनाव में यूं तो पार्टी के प्रत्याशियों की जीत के लिए सभी दलों से जुड़े माननीयों को लगना पड़ता है, लेकिन इस बार स्थितियां इससे भी ज्यादा आगे बढ़ गईं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि माननीयों की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा अलग-अलग टिकटों से जुड़ी हुई है। अकबरपुर निवासी रामशिरोमणि वर्मा श्रावस्ती से बसपा सांसद हैं। इस बार उन्होंने अपने छोटे भाई को अकबरपुर सीट से टिकट दिला दिया है। पिछली बार रामशिरोमणि खुद निकाय का चुनाव लड़े थे। इस बार वे अपने भाई की जीत के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं।इन सभी पांच विधानसभा सीटों पर सपा का ही कब्जा है। पार्टी नेतृत्व ने इस बार तय किया कि विधायकों के कहने पर ही टिकट दिए जाएंगे। हुआ भी ऐसा ही। कई विरोध के बावजूद विधायकों की इच्छा पर टिकट बांट दिए गए। कई सीटों पर अंतर्विरोध देखने को मिला है लेकिन विधायकों ने व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को दांव पर लगाकर काफी हद तक कलह को रोकने की कोशिश की है। ऐसे में टांडा विधायक राममूर्ति वर्मा, अकबरपुर विधायक रामअचल राजभर, कटेहरी विधायक लालजी वर्मा, जलालपुर विधायक राकेश पांडेय व आलापुर विधायक त्रिभुवनदत्त की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।भाजपा से आलापुर की विधायक रहीं अनीता कमल अब इसी विधानसभा क्षेत्र में नवगठित जहांगीरगंज नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में उनकी भी प्रतिष्ठा यहां सीधे तौर पर लगी हुई है।