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गौशाला में पशुओं को समय से चारा नहीं दिये जाने का तथ्य संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी ने जताई नाराजगी
गिरजा शंकर विद्यार्थी/अंबेडकर नगर 22 अगस्त 2023। जनपद में गोवंश संरक्षण एवं सरकार द्वारा संचालित गोवंश आश्रय स्थलों / गौ-शालाओं की उचित देखभाल माननीय मुख्य मंत्री जी की सर्वोच्च प्राथमिकता में है और इस सन्दर्भ में जिलाधिकारी अविनाश सिंह द्वारा बारम्बार निर्देश दिये गये हैं कि समस्त संबंधित अधिकारी अपने-अपने तैनाती क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली समस्त गौशालाओं / गोवंश आश्रय स्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण कर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय से पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगे। परन्तु माननीय मुख्य मंत्री जी के सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदत्त उक्त कार्यक्रम के प्रति घोर उदासीनता एवं लापरवाही बरती जा रही है और जनपद स्तर पर बैठे जिम्मेदार / नोडल अधिकारियों द्वारा भी इसका अनुश्रवण नहीं किया जा रहा है।
जिलाधिकारी द्वारा सूचना दिनांक 21.08.2023 को पूर्वान्ह में तहसील भीटी विकासखण्ड कटेहरी अन्तर्गत ग्राम खड़हरा में बनी / संचालित वृहद गौशाला का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण समय (पूर्वान्ह (11:00 बजे) तक उक्त गौशाला में संरक्षित पशुओं को चारा नहीं दिया गया था जबकि सामान्य रूप से प्रातः 06:00 बजे से इन मूक पशुओं को चारा पशु आहार दिया जाना चाहिए था। मौके पर भूसा, हरा चारा दोनों ही मौजूद था। उक्त के बावजूद इसे पशुओं को समय से न खिलाया जाना संबंधित अधिकारियों / कार्मिकों की गम्भीर लापरवाही एवं उदासीनता का द्योतक है। प्रभारी खण्ड विकास अधिकारी द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा 15 दिवस में एक बार गौशाला का निरीक्षण किया जाता है। जिलाधिकारी द्वारा दिनांक 21.08.2023 को कड़े निर्देश दिये जाने के बावजूद दिनांक 22.08.2023 को पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किये जाने पर मध्यान्ह 12:11 बजे तक उक्त गौशाला में पशुओं को चारा नहीं दिये जाने का तथ्य संज्ञान में आया है। यह स्थिति अत्यन्त खेदजनक है। स्पष्ट है कि गाय हमारी माता है इस पवित्र बात को यह लोग सिर्फ कागजों में ही मानते हैं, जमीनी हकीकत कुछ और हैं।गोवंश आश्रय स्थलों में संरक्षित पशुओं के समुचित एवं सुरक्षित रख-रखाव के संबंध में शासन स्तर से प्राप्त दिशा निर्देशों एवं तद्क्रम में जनपद स्तर पर जिलाधिकारी द्वारा बार-बार निर्देशित किये जाने के बाद भी गोवंशों की देखभाल एवं रख-रखाव में उपरोक्तानुसार बरती गयी / बरती जा रही अक्षम्य लापरवाही के लिए संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों / कार्मिकों एवं अन्य संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम-1960 की सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराकर आवश्यक कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता महसूस हो रही है ताकि उक्त शीर्ष प्राथमिकता के कार्यक्रम में इस प्रकार की घोर लापरवाही / अवांछित प्रवृत्ति को रोका जा सके।