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👉यूपी सरकार की स्वस्थ्य व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते मनबढ डॉक्टर
👉क्षेत्रवासियों ने कहा की सरकार की ऐसी व्यवस्था किस काम की
👉 ड्यूटी से गायब रहने मे बेसुमार हैं डॉ. पौनमी देव
👉 एक ही जनपद में पति-पत्नी दोनों की तैनाती, तेजी से हो रहा है प्राइवेट अस्पताल का निर्माण
बसखारी,अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी के मनमानी रवैया और भ्रष्टाचार की कहानी तो पुरानी है आए दिन यहां डॉक्टर के मनबढ और भ्रष्ट होने के कारण अखबार और चैनलों की सुर्खियां बने रहने में शुमार सीएससी बसखारी के डॉक्टर को न ही शासन का कोई डर है और न ही विभाग के जिम्मेदारान अधिकारियों का कोई डर। अपने कर्तव्य से विमुख डॉक्टर सिर्फ अपनी प्राइवेट अस्पताल चलाने में मशगूल है। ड्यूटी के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में कोई रुचि नहीं है।अक्सर इस सरकारी अस्पताल का कारनामा उजागर होता रहता है लेकिन विभागीय संरक्षण के कारण सब कुछ ढाक के तीन पात हो जाता है ऐसे में तो इन भ्रष्ट,कर्तव्य विमुख डॉक्टरों का मनबढ होना तो लाजमी है।
जिस नौकरी के सहारे जीवन की नैया पार हो रही है जनता की सेवा करने का वीणा उठाया है अब इन सब बातों का कोई मायने नहीं क्योंकि अब तो अपना खुद का प्राइवेट अस्पताल संचालित करने में जी जान लगा रहे हैं और सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
एक ताजा मामला प्रकाश में आया है कि आज सुबह 8:10 बजे दो महिलाएं गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी पहुंचती हैं जहां पर उन दोनों महिलाओं को डॉक्टर के ड्यूटी पर न होने के कारण इलाज मिलने की जगह जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया महिलाओं की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
अब सवाल है कि अस्पताल में ड्यूटी किस डॉक्टर की थी और जानकारी के अनुसार दोनों महिलाएं सर्पदंश का शिकार हुई थी और सांप काटने की इंजेक्शन बसखारी अस्पताल में उपलब्ध होने के बावजूद भी इन महिलाओं को इलाज नहीं मिल सका यह उत्तर प्रदेश सरकार के गाल पर एक तमाचा है। सरकार तो बड़ी-बड़ी बातें करती है बड़े-बड़े मंचों से बड़े-बड़े फरमान जारी करती है और जनता के हित में अपना सर्वस्व न्योछावर कर रही है लेकिन जिनके दम पर कर रही है वह तो अपने कर्तव्यों से विमुख हो गये हैं अब तो सबसे पहले इनका विभागीय इलाज होना चाहिए। सर्पदंश का शिकार हुई महिला सोनी पुत्री राम शब्द उम्र 28 वर्ष निवासी बुलावा आलापुर दूसरी महिला रिया पुत्री सुग्रीव निवासी सादीपुर हंसवार जनपद अंबेडकर नगर जो सरकार की सुविधाओं से मरहूम हो गई। इंजेक्शन होने के बावजूद भी डॉक्टर ड्यूटी से नदारत होने के कारण इलाज नहीं मिल सका और मजबूर फार्मासिस्ट बिना डॉक्टर की मौजूदगी में आखिरकार कर ही क्या सकते हैं उनकी मजबूरी गंभीर हालत में आयी इन दोनों महिलाओं को त्वरित रूप से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार सुबह 8:00 बजे से महिला चिकित्सक डॉक्टर पौनमी देव की ड्यूटी बताई जा रही है जो कि अपने आदत में बेशुमार है इन्हें अपनी ड्यूटी से कोई मतलब नहीं होता यह इमरजेंसी ड्यूटी में भी अकबरपुर अपने पति के पास चली जाती हैं। मरीज जिये या मरे इन्हें इससे कोई मतलब नहीं। इस संबंध में जब डॉक्टर पौनमी देव से बात किया गया तो उन्होंने बताया मेरी ड्यूटी जिला अस्पताल यहां बसखारी में नहीं है। और फार्मासिस्ट बृजेश वर्मा ने मामले में खिचड़ी पकाते हुए बताया कि डॉक्टर पौनमी देव की जगह पर डॉक्टर प्रशांत कुमार की ड्यूटी है और मजे की बात है जब प्रकरण के संबंध में सीएचसी अधीक्षक कृष्ण चंद्र से बात की गई तो उन्होंने साफ इंकार करते हुए कहा कि मामला मेरे संज्ञान में ही नहीं है।
वाह-रे व्यवस्था “अंधेर नगरी चौपट राजा” जैसी कहानी को चरितार्थ कर रहा है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी। जिसका न कोई माई है न कोई बाप है। मनबढ भ्रष्टाचारियों के भरोसे चल रहा है, विभाग भी चुप्पी मारकर बैठा है। मानो की मलाई का कटोरा समय से पहुंच रहा हो। बताते चलें कि हाल ही में मामला प्रकाश में आया था की मुख्य चिकित्साधिकारी अंबेडकर नगर पांच करोड़ के घोटाले में फंसे हुए हैं जब सीएमओ का यह हाल है तो जिले के इन मनबढ भ्रष्ट डॉक्टरों का क्या हाल होगा इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
फिलहाल जनता का इलाज तो राम भरोसे हैं प्राइवेट अस्पतालों में अपने जीवन की गाढ़ी कमाई देने को मजबूर है।
मुख्यमंत्रीजी! को बड़े-बड़े वादे और फरमान जारी करने का कोई अवचित्त नहीं है। क्योंकि सब कुछ तो ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हैं।
हां बेशक कागजों में दौड़ रही हो व्यवस्था लेकिन जमीनी स्तर पर सुविधा मुहैया हो पाना मिल का पत्थर साबित हो रहा है। प्रकरण के संबंध में जब प्रभारी सीएमओ से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल संपर्क से बाहर बता रहा है।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी महोदय को उचित और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।