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गिरजा शंकर विद्यार्थी
अंबेडकर नगर। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2023-24 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 12.09.2023 को जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में नशा उन्मूलन विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में श्री कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्री गिरिजा शंकर यादव, जेलर, जिला कारागार, अम्बेडकरनगर व कारागार के कर्मचारीगण एवं बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बताया कि जिन लोगों का हृदय कमजोर होता है या जिनका निश्चय सुदृढ नहीं होता है जो संघर्ष के आगे घुटने टेक देते हैं और अपनी कमजोरी को छुपाने के लिये नशे का सहारा लेते हैं। नशा करने वाला व्यक्ति यह बहाना करता है कि नशा करने से कोई चिन्ता या दुख नहीं रहता। शुरू में तो व्यक्ति शौक के तौर पर नशा करता है लेकिन फिर वह नशे का आदी होने लगता है और अपनी बरबादी की और जाने लगता है नशा केवल व्यक्ति को शारीरिक नुकसान ही नहीं पहुँचाता बल्कि उसके अन्दर ऐसी गलत प्रवृत्तियां पनपने लगती है कि वह समाज में अपना सम्मान खोने लगता है तथा समाज से दूर होने लगता है। नशा एक अन्तर्राष्ट्रीय विकराल समस्या बन चुकी है इसके दुष्प्रभाव से युवा व बुजुर्ग ही क्या छोटे बच्चे भी नहीं बच पा रहे हैं। नशा मनुष्य को न सिर्फ पतन की ओर ले जा रहा है बल्कि आपराधिक गतिविधियों में भी लिप्त कर रहा है। इससे व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। नशा करने से कैंसर जसे असाध्य रोग हो रहे हैं। मुख के कैंसर का मुख्य जड़ चूने में मिलाकर खाने वाली तम्बाकू है। उन्होंने बताया कि नशा तो कोई भी हो स्वास्थ्य के लिये सब प्राणघातक है। विशेष कर सिगरेट और तम्बाकू कैंसर के जड़ हैं। अल्प समय में काल कलवित हो जाने से बच्चे बेसहारा हो जाते हैं उनकी समुचित पढाई-लिखाई नहीं हो पाती है और वह ठोकर खाने पर मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि तम्बाकू से मरने वालों की संख्या लाखों में पहुँच गयी है। नशा करने से हर साल लगभग 10 लाख लोग असयम ही मौत के मुँह में समा जाते हैं। हमें अपने इच्छा शक्ति एवं डाक्टर के परामर्श से नशे को छोड़ना है। शिविर के उपरान्त अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा जिला
कारागार एवं कारागार में संचालित जेल लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण किया गया। कारागार के निरीक्षण के दौरान सचिव महोदय द्वारा बन्दियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के विषय में बात की बन्दियों को लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की एवं जेल अधीक्षक जिला कारागार, अम्बेडकरनगर को निर्देशित
किया गया कि बन्दियों को उनकी रिहाई के अधिकारों के प्रति जागरूक करें व किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर उचित उपचार दिलाना सुनिश्चित करें, बन्दियों के खान-पान का विशेष ध्यान रखें महिला बन्दियों के साथ रह रहे बच्चों का ध्यान रखें जिला कारागार परिसर में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें एवं किसी भी प्रकार की विधिक सहायता प्राप्त करने हेतु जिला कारागार अम्बेडकरनगर में स्थापित जेल लीगल एड क्लीनिक में नियुक्त जेल पराविधिक स्वयं सेवक एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर से सम्पर्क स्थापित कर सहायता प्राप्त की जा सकती है।