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गायत्री मंत्र का धार्मिक महत्व अत्यधिक है. इस मंत्र को वेदों में महत्त्वपूर्ण माना गया है इसे सबसे प्रशंसित मंत्रों में गिना गया है. गायत्री मंत्र के प्रत्येक अक्षर में ब्रह्म, विष्णु शिव की प्राणशक्ति का प्रतिक होता है।
इसलिए इसे आध्यात्मिक साधना में उच्च माना जाता है. गायत्री मंत्र का जप करने से मनुष्य का अंतरात्मा जाग्रत होता है उसे आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में ले जाता है. यह मंत्र आत्मज्ञान अद्वैत तत्त्व को समझने में सहायक होता है व्यक्ति को आत्मसमर्पण की भावना देता है. गायत्री मंत्र का उच्च महत्व है इसे नियमित रूप से जपने से व्यक्ति की आत्मिक आध्यात्मिक उन्नति होती है.
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः. तत्सवितुर्वरेण्यं.
भर्गो देवस्य धीमहि. धियो यो नः प्रचोदयात्..
गायत्री मंत्र का अर्थ:
ॐ – परमात्मा का प्रतीक
भूर्भुवः स्वः – तीनों लोकों का प्रतीक
तत् – वह
सवितुर्वरेण्यं – पूजनीय सूर्य
भर्गो – तेजस्वी
देवस्यः – देवता
धिमहि – ध्यान करते हैं
धियो – बुद्धि
यो – जो
नः – हमें
प्रचोदयात् – प्रेरित करे
गायत्री मंत्र का अर्थ है – हम वह परमेश्वर का ध्यान करते हैं, जो तत्सविता है, जो समस्त जीवों के लिए उत्कृष्टतम श्रेष्ठ है, जो सभी दोषों से मुक्त है, उस ईश्वरीय ज्योति को हम ध्यान में लाते हैं. वह हमें बुद्धि की प्रेरणा दें.
गायत्री मंत्र पढ़ने के लाभ: गायत्री मंत्र को हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण मंत्रों में से एक माना जाता है. यह मंत्र वेदों से लिया गया है इसे “सर्वशक्तिमान मंत्र” भी कहा जाता है. गायत्री मंत्र का जाप करने के अनेक लाभ हैं,
आध्यात्मिक लाभ: गायत्री मंत्र ज्ञान बुद्धि का प्रतीक है. इसका नियमित जाप करने से ज्ञान बुद्धि में वृद्धि होती है. ये मंत्र मन को शांत करने एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है. आत्म-साक्षात्कार आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है.
भौतिक लाभ: गायत्री मंत्र का जाप करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है रोगों से बचाव होता है. जीवन में समृद्धि सफलता लाता है. नकारात्मक शक्तियों से बचाव करता है सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है.
अन्य लाभ:
सकारात्मक सोच: गायत्री मंत्र सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है नकारात्मक विचारों को दूर करता है.
आत्मविश्वास में वृद्धि: गायत्री मंत्र आत्मविश्वास में वृद्धि करता है जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देता है.
समाज में सम्मान: गायत्री मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति को समाज में सम्मान प्रतिष्ठा प्राप्त होती है.
गायत्री मंत्र का जाप करने की विधि: मंत्र का जाप सूर्योदय सूर्यास्त के समय करना सबसे अच्छा माना जाता है. इस जाप को कम से कम 108 बार करना चाहिए. जाप करते समय ध्यान केंद्रित करना मंत्र के अर्थ को समझना महत्वपूर्ण है. गायत्री मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो जीवन के सभी पहलुओं में लाभ प्रदान करता है. इसका नियमित जाप करने से आध्यात्मिक, भौतिक सामाजिक जीवन में सुधार होता है।
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. आशा भारती इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)