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जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी
को 8 वर्षों से तैनात बीसीपीएम को स्थानांतरण का दिया निर्देश
गिरजा शंकर विद्यार्थी
अंबेडकर नगर। जिलाधिकारी अविनाश सिंह द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बसखारी का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पंजीकरण कक्ष में लगभग 173 मरीजों का पंजीकरण होना पाया गया।निरीक्षण के दौरान पाया गया कि पानी की समुचित व्यवस्था नहीं पायी गई जिसके लिए अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत किछौछा को निर्देर्शित किया गया कि पानी कि समुचित व्यवस्था सुनिस्चित कराया जाए, निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में तैनात सी०एच०ओं व ए0एन0एम0 के बारे में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि कुल 25 सी०एच०ओ व 21 ए0एन0एम0 तैनात है।मौके पर निरीक्षण के दौरान बी०सी०पी०एम० व बी०पी०एम० एंव आयुष्मान मित्र अनुपस्थित पाए गयें प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से पूंछने पर बताया गया कि अवकाश की कोई सूचना नहीं दी गयी एंव पूँछने पर यह भी बताया गया कि बी०सी०पी०एम० पिछले आठ वर्षों से तैनात हैं। जिसके सम्बंध में मुख्य चिकित्साधिकारी को बी०सी०पी०एम० को यहां से स्थानान्तरण के लिए निर्देशित किया गया । आयुष्मान गोल्डन कार्ड के बारे में पूछने पर बताया गया कि प्रतिदिन गोल्डन कार्ड बनाएं जा रहें हैं परन्तु आयुष्मान मित्र के अनुपस्थित होने के कारण आज कार्ड नहीं बनाएं गये इससे अपने कर्तव्यों के प्रति गैर जिम्मेदार होना प्रतीत होता है।चिकित्सालय परिसर में जगह-जगह व्यापक रूप से गन्दगी पायी गयी । चिकित्सालय के प्रसाधन कक्ष भी गन्दे एवं उपयोग योग्य नहीं पाये गये। समग्र रूप में चिकित्सालय भवन एवं परिसर की साफ-सफाई एवं स्वच्छता पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जो कि चिकित्सालय में आगन्तुक मरीजों के साथ-साथ चिकित्सालय में कार्य करने वाले चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त अहितकर है।
मौके पर उपस्थित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि ठेकेदार ओमकार वर्मा द्वारा एक सफाईकर्मी की तैनाती की गयी है एंव समय पर कम्पनी द्वारा सफाई सामग्री भी उपलब्ध नहीं करायी जाती है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये गये कि वह स्वयं उक्त चिकित्सालय का तत्काल निरीक्षण कर चिकित्सालय परिसर एवं भवन के विभिन्न कक्षों तथा प्रसाधन कक्षों की ठीक से साफ सफाई करायें,चिकित्सकीय उपकरणों का समुचित एवं सुरक्षित रखरखाव के साथ-साथ चिकित्सालय में आवश्यक जीवन रक्षक औषधियों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता एवं चिकित्सकों की नियमित व समय से उपस्थिति सुनिश्चित करें जिसके कि स्थानीय जनता / आगन्तुक मरीजों को आवश्यकतानुसार समय से चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध हो सके।